रविवार, 14 मई 2017

माँ पर लाल बिहारी लाल के कुछ दोहे

माँ पर कुछ दोहा

लाल बिहारी लाल



माँ जीवन का सार है, माँ है तो संसार।
माँ बिन जीवन लाल का,समझो है बेकार।1

माँ की ममता धरा पर, सबसे है अनमोल।
माँ जिसने भूला दिया,सब कुछ उसका गोल।2

माँ सम गुरू नहीं मिले, ढ़ूढ़े इस संसार।
गुरु का जो मान रखा,नैया उसका पार।3

माँ के दूध का कर्जा, चुका न पाया कोय।
जन जो कर्ज चुका दिया,जग बैरी ना होय।4

माँ पीपल की छांव है,माँ बगिया के मूल।
माँ जीवन का सार है, हरे लाल के शूल।5

माँ से जग संसार है,माँ से जीवन मूल।
माँ बिना मोल कुछ नहीं,मुर्झाये सब फूल।6
*      सचिव-लाल कला मंच, नई दिल्ली

   फोन-9868163073 या 7042663073

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