सोमवार, 29 अगस्त 2016

दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल को मिला बाबू रघुबीर नरायण सम्मान

2रा राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन नई दिल्ली में समपन्न

सोनू गुप्ता।
नई दिल्ली। हेलो भोजपुरी परिवार एवं मैथिली तथा भोजपुरी अकादमी, दिल्ली सरकार के सौजन्य से 2रा राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन का आयोजन  राजेंद्र भवन,नई दिल्ली में किया गया।गत वर्ष बिहार की धरती छपरा में आयोजित की गई थी। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ। इसके उपरान्त बेतिया से पधारी लोक गायिका ऋतुराज ने भोजपुरी के मशहूर गीत बटोहिया की प्रस्तुति दी। इसके उपरान्त तीन सत्रों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया पहले सत्र में स्वतंत्रता संग्राम में भोजपुरी का योगदान विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया । इस परिचर्चा में  सुप्रसिद्ध रंगकर्मी  महेंद्र प्रसाद सिंह , प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. जौहर शाफियाबादी , भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष  अजीत दुबे , इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत , भारत सरकार में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉ.रश्मि सिंह तथा डा.जनार्दन सिंह ने भाग लिया।
 
   कार्यक्रम के दिवीतीय सत्र मे उक्त वक्ता के अलावें भोजपुरी के लिए काम कर रहे विभिन्न लेखको तथा मंचासीन कवियों  को बाबू रघुवीर नरायण सम्मान एवं भिखारी ठाकुर सम्मान तथा युवाओं को भोजपुरी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके बाद भोजपुरी के लोकप्रिय गायक,अभिनेता एवं एंकर अजीत आनंद द्वारा अनेक सुंदर लोकगीतों को प्रस्तुत किया गया।


   तीसरे और अंतिम सत्र में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गाया। जिसमें – दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल ने कहा दुश्मन कइले बावे खातरा चल भातरा, वरिष्ठ साहित्यकार डा.जौहर सफियावादी,डा. जनार्दन सिंह,मंजरी पांडे ने कजरी कहा ,सजल कुमार मिश्र नेनेताओ पर तंज कसा ,रविकान्त रवि,मिथिलेश पांडे पूर्वांचली,केशव मोहन पांडे आदि ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार लव कान्त सिह ने किया। इस अवसर पर देश भर से कई भोजपुरी भाषा-भाषी प्रेमी उपस्थित थे। अंत में हेलो भोजपुरी के संपादक राजकुमार अनुरागी ने सभी का हार्दिक अभिनंदन एवं धन्यवाद किया।








2रा राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन में लाल बिहारी लाल को मिला बाबू रघुबीर नरायण सम्मान

2रा राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन नई दिल्ली में समपन्न

सोनू गुप्ता।
नई दिल्ली। हेलो भोजपुरी परिवार एवं मैथिली तथा भोजपुरी अकादमी, दिल्ली सरकार के सौजन्य से 2रा राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन का आयोजन  राजेंद्र भवन,नई दिल्ली में किया गया।गत वर्ष बिहार की धरती छपरा में आयोजित की गई थी। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ। इसके उपरान्त बेतिया से पधारी लोक गायिका ऋतुराज ने भोजपुरी के मशहूर गीत बटोहिया की प्रस्तुति दी। इसके उपरान्त तीन सत्रों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया पहले सत्र में स्वतंत्रता संग्राम में भोजपुरी का योगदान विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया । इस परिचर्चा में  सुप्रसिद्ध रंगकर्मी  महेंद्र प्रसाद सिंह , प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. जौहर शाफियाबादी , भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष  अजीत दुबे , इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत , भारत सरकार में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉ.रश्मि सिंह तथा डा.जनार्दन सिंह ने भाग लिया।
 
   कार्यक्रम के दिवीतीय सत्र मे उक्त वक्ता के अलावें भोजपुरी के लिए काम कर रहे विभिन्न लेखको तथा मंचासीन कवियों  को बाबू रघुवीर नरायण सम्मान एवं भिखारी ठाकुर सम्मान तथा युवाओं को भोजपुरी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके बाद भोजपुरी के लोकप्रिय गायक,अभिनेता एवं एंकर अजीत आनंद द्वारा अनेक सुंदर लोकगीतों को प्रस्तुत किया गया।


   तीसरे और अंतिम सत्र में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गाया। जिसमें – दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल ने कहा दुश्मन कइले बावे खातरा चल भातरा, वरिष्ठ साहित्यकार डा.जौहर सफियावादी,डा. जनार्दन सिंह,मंजरी पांडे ने कजरी कहा ,सजल कुमार मिश्र नेनेताओ पर तंज कसा ,रविकान्त रवि,मिथिलेश पांडे पूर्वांचली,केशव मोहन पांडे आदि ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार लव कान्त सिह ने किया। इस अवसर पर देश भर से कई भोजपुरी भाषा-भाषी प्रेमी उपस्थित थे। अंत में हेलो भोजपुरी के संपादक राजकुमार अनुरागी ने सभी का हार्दिक अभिनंदन एवं धन्यवाद किया।








एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन

लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। अलंकार साहित्यिक सभा,नई दिल्ली द्वारा नागलोई में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन  किया गया जिसमें दिल्ली,एन सी आर से आये लगभग 20 कवियों ने हिस्सा लिया  विशेष अतिथि नवांकुर साहित्य सभा के अध्यक्ष अशोक कश्यप और विशिष्ठ अतिथि श्याम नंदा नूर ने मंच की शोभा बढ़ाई कार्यकर्म की अध्यक्षता गीतकार जय सिंह आर्या ने की ।
  सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ और माला के द्वारा स्वागत किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत लुफ्तर रहमान सरस्वती वंदना से हुई। इसमें दिल्ली एन. सी. आर. से आये सभी कवियों ने अपनी शानदार रचनाएं सुनाई जिसे सभी उपस्थित श्रोताओं में खूब पसंद आई जिनमे असलम बेताब ने देश भक्ति से ओत प्रोत मुक्तक ---"हमको क्या लेना देना पेरिस जापान की मिटटी से ,हमको बड़ी मुहब्बत है हिंदुस्तान की मिटटी से।पढ़ा जिस पर सभी श्रोताओं ने खूब दाद दी !
कवि निर्देश शर्मा ने भी अपनी एक शानदार ग़ज़ल पढ़ी ---हाथ बस इतना लगाना ,हाथ थक जाने के बाद।ये दवा खाने से" पहले और ये खाने के बाद।

कवि एवं पत्रकार संजय कुमार गिरि ने देश भक्ति ग़ज़ल पढ़ी --वतन पर मर मिटेंगे हम कसम ये आज खाते हैं ,लगा कर जान की बाजी तिरंगा हम उठाते हैं।जिस पर सभागार में उपस्थित सभी श्रोता झूम उठे । सभी कवियों द्वरा सुनाई रचनाओ का आकलन वरिष्ठ साहित्य मनीषियों द्वारा किया गया और परिणाम स्वरूप पांच श्रेष्ठ रचना करों को चुनकर उनको प्रथम द्वितीये एवं तृतीय सम्मान से नवाजा गया ! जिनमें प्रथम स्थान--कर्ण सिंह कर्ण का रहा और द्वितीय दो स्थान में -निर्देश शर्मा और सूरज मणि त्रिपाठी का रहा तृतीय स्थान भी दो रचनाकारों को प्रदान किये गए जिनमे कृष्णा नन्द तिवारी एवं इब्राहीम अल्वी का रहा।सभी विजेताओं को अलंकार साहित्य सभा द्वारा सम्मान पत्र एवं पुष्प माला पहना कर स्वागत एवं सम्मानित किया गया। मंच का सफल संचालन कुमार अनुज ने किया। अन्य उपस्थित कवियों में मंच के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद वर्मा "अकेला", राजीव तनेजा,अनुज ,राजीव पराशर, कवि,रोनी ईनोफाइल ,सूरज मणि त्रिपाठी ,नाहर सिंह दाहिया ,सुदेश भारद्वाज ,मनीष मधुकर और जीतेंदप्रीतम प्रमुख थे

मंगलवार, 9 अगस्त 2016

भोजपुरी भाषा के संवैधानिक दर्जा के लिए चौथा धरना सम्पन्न

भोजपुरी को संववैधानिक दर्जा खातिर जन आंदोलन जरुरी-लाल बिहारी लाल
दिल्ली।भोजपुरी भाषा को भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची मे शामिल करने की मांग को ले कर दिल्ली के जंतर मंतर पर भोजपुरी जन जागरण अभियान के तत्वावधान मे एक दिवासीय धरना का अयोजन किया गया। इस धरना मे देश भर से भोजपुरी भाषी शामिल हुए थे। धरना का नेतृत्व भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष पटेल ने किया। धरना मे बेतिया के सांसद डा० संजय जयसवाल भी शामिल हुए, जिन्होने पिछले दिनों सदन मे भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा देने खातिर मांग की थी।उन्होनें कहा कि अब भोजपुरी के लिए माहौल बन रहा है।इसके लिए 20 सासदो को ग्रुप लेकर माननीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से वात करुंगा।खुशी है कि आज गृह मंत्री भी भोजपुरी भाषी राज्य से हैं। दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल ने अफने संबोधन में कहा  कि भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा तभी मिलेगा जब एक जबरदस्त जन आंदोलन हो औऱ उन नेताओं को चुना जाये जो भोजपुरी के हित के लिए काम करे।रमाधार पांडे ने कहा की अब नेताओ को सबक सीखाना होगा बहुत हो गया आश्वासन अब आश्वासन नहीं काम चाहिये।

      भोजपुरी भाषा को बोलने वालों की संख्या पूरे विश्व में 25 करोड़ से अधिक है। यह भाषा सिर्फ भारत के बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, छतिसगढ़ ,मध्यप्रदेश आदि राज्यों में ही नही बल्कि भारत के बाहर करीब चौदह देशों में बोली जाती है। इतनी समृद्धिशाली भाषा को देश के बाहर कई देशों में संवैधानिक मान्यता प्राप्त है। परन्तु यह दुख की बात है कि भोजपुरी अपने ही देश में अपने ही लोगों के बीच अपना हक नही ले पा रही है। विगत लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के साथ साथ बिहार के कई सांसद और केन्द्र में मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी समेत कई नेताओं ने यह वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनी तो भोजपुरी संविधान में शामिल होगी। पर सरकार बने अब दो साल से उपर हो गये है फिर भी यह सरकार भोजपुरी के प्रति अपनी मनसा स्पष्ट नही कर पा रही है। चुनाव पूर्व किया वादा जुमला बनते जा रहा है। बताते चलें कि भोजपुरी भाषा मान्यता आंदोलन "भोजपुरी जन जागरण अभियान" देश भर मे भोजपुरी को संविधान में शामिल कराने हेतु संघर्ष कर रहा है तथा साहित्य एवं संस्कृति को सहेजने का काम कर रहा है।

   इससे पहले "भोजपुरी जन जागरण अभियान" के बैनर तले तीन बार 6 अगस्त 2015, 10 दिसम्बर 2015 को भी धरना प्रदर्शन हो चुके है। सरकार के कई सांसदों ने तब कहा था कि भोजपुरी भाषी लोग अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के दिन अपने मातृ भाषा भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा मिलने की खुशी मनाएँगे। पर अफसोस कि उन सांसदों का वादा भी पुरा नही हो पाया।इसको लेकर तीसरा धरना प्रदर्शन 21 फ़रवरी 2016 को हुआ था। आज के इस धरना मे शामिल सांसद डा संजय जयसवाल ने कहा कि बहुत जल्द भोजपुरी संविधान के आठवीं अनुसूची मे शामिल होगी। अपने टीम के साथ पहुँची सरिता सिंह साज ने लोकगीत के माध्यम से सरकार से भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा देने की मांग की। अपनी बात रखने वालों मे बिहार छपरा से आए प्रो० पी राज सिंह, विश्वनाथ शर्मा जी, सिवान से प्रो० उमाशंकर साहु, भोजपुरी जन जगरण अभियान के महामंत्री अभिषेक भोजपुरिया, झारखंड से संयोजक राजेश भोजपुरिया, के के सिंह, मुम्बई से लोकनाथ तिवारी, यूपी से जनार्दन सिंह जी, ध्रुव नारायण सिंह, विश्वनाथ मौर्या, राजकुमार वर्मा, राम उजागर चौधरी, राजीव सिंह विजय बहादूर, एम पी सिंह चम्पारण से डा० ज्ञानेश्वर गुंजन मोहित अकेला, पटना से सुशील कुमार रंजन, दिल्ली से  जे पी द्विवेदी, केशव मोहन पांडेय, डा० मनोज कुमार, मनोज कुमार सिंह, प्रमेन्द्र सिंह, देवेन्द्र कुमार, नवल किशोर सिंह निशांत, वरिष्ठ रंगकर्मी महेन्द्र सिंह, संजय ऋतुराज, रामाधार सिंह, डा० राकेश सिंह, रमेश खरवार, शैलेन्द्र सिंह आदि शामिल थे।
प्रस्तुति-सोनू गुप्ता
अध्यक्ष-लाल कला मंच
7042663073







शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा खातिर मांग संसद में उठी

भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा खातिर मांग संसद में उठी
लाल बिहारी लाल

नई दिल्ली। भोजपुरी जन जागरण अभियान के तत्वावधान में भोजपुरी को संविधान 
की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर चल रही आन्दोलन को लेकर 
पिछले दिनों इसके संयोजक मनोज कुमार सिंह संतोष पटेल, लाल बिहारी लाल एवं 
अन्य ने बेतिया के सांसद डा. संजय जयसवाल से मुलाकात किया था।
उन्होंने वादा किया है कि वे 8 अगस्त 2016 को जंतर मंतर पर आउंगा और 
इससे पहले मैं अपनी भाषा भोजपुरी को संविधान में शामिल करने के लिए संसद में 
भी उठाउंगा। आपने किये हुए वादों को पूरा किया औऱ आज लोक सभा में मजबूती 
के साथ भोजपुरी को संविधान में शामिल करने मांग की। उन्होने कहा नेपाल के 
प्रधानमंत्री के भोजपुरी में शपथ लिया ,मॉरिशस के नेताओं की भोजपुरी में श्रद्धा है 
और भोजपुरिया भाई मनोज तिवारी के दिल्ली से सांसद चुने जाने में भोजपुरी की 
महता का भी जिक्र किया इनकी बातों का पूरजोर समर्थन बक्सर से सांसद अश्वनी 
कुमार चौबे ने भी किया।
पिछले दिनो दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने भी 29 जुलाई,2016 को भोजपुरी 
को संविधान में शामिल कराने की आवाज संसद में बुलंद कर चुके हैं। 
सन 1969 से 2014 तक भारतीय संसद में भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता 
के लिए संसद में 18 बार प्रस्ताव रखा गया जिसमें 16 प्रस्ताव तो समय पर नहीं 
रखने के कारण गिर गया औऱ एक प्रस्ताव राजीव प्रताप रुढ़ी के मंत्री बनने के बाद 
स्वतः सामाप्त हो गया अभी भी ओम प्रकाश यादव के निजि विधेयक संसद में 
लंबित है। मोदी जी भी बिहार के चुनाव में खूब भोजपुरी बोलते थे अभी गोरखपुर 
में भी भोजपुरी में भाषण दिया था। अब जरुरत है कि करोड़ो भोजपुरी भाषिय़ों की 
आवाज सुनी जाये औऱ इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शीघ्र शामिल किया 
जाये। आशा है सरकार की तंद्रा टूटेगी औऱ करोड़ो भोजपुरीं भाषियों की आवाज 
संविधान की आठवीं अनुसूची तक पहुंचेगी।

लाल कला मंच के सचिव एवं मीडिया सलाहकार है
फओन-9868163073 या 7042663073