शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा खातिर मांग संसद में उठी

भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा खातिर मांग संसद में उठी
लाल बिहारी लाल

नई दिल्ली। भोजपुरी जन जागरण अभियान के तत्वावधान में भोजपुरी को संविधान 
की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर चल रही आन्दोलन को लेकर 
पिछले दिनों इसके संयोजक मनोज कुमार सिंह संतोष पटेल, लाल बिहारी लाल एवं 
अन्य ने बेतिया के सांसद डा. संजय जयसवाल से मुलाकात किया था।
उन्होंने वादा किया है कि वे 8 अगस्त 2016 को जंतर मंतर पर आउंगा और 
इससे पहले मैं अपनी भाषा भोजपुरी को संविधान में शामिल करने के लिए संसद में 
भी उठाउंगा। आपने किये हुए वादों को पूरा किया औऱ आज लोक सभा में मजबूती 
के साथ भोजपुरी को संविधान में शामिल करने मांग की। उन्होने कहा नेपाल के 
प्रधानमंत्री के भोजपुरी में शपथ लिया ,मॉरिशस के नेताओं की भोजपुरी में श्रद्धा है 
और भोजपुरिया भाई मनोज तिवारी के दिल्ली से सांसद चुने जाने में भोजपुरी की 
महता का भी जिक्र किया इनकी बातों का पूरजोर समर्थन बक्सर से सांसद अश्वनी 
कुमार चौबे ने भी किया।
पिछले दिनो दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने भी 29 जुलाई,2016 को भोजपुरी 
को संविधान में शामिल कराने की आवाज संसद में बुलंद कर चुके हैं। 
सन 1969 से 2014 तक भारतीय संसद में भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता 
के लिए संसद में 18 बार प्रस्ताव रखा गया जिसमें 16 प्रस्ताव तो समय पर नहीं 
रखने के कारण गिर गया औऱ एक प्रस्ताव राजीव प्रताप रुढ़ी के मंत्री बनने के बाद 
स्वतः सामाप्त हो गया अभी भी ओम प्रकाश यादव के निजि विधेयक संसद में 
लंबित है। मोदी जी भी बिहार के चुनाव में खूब भोजपुरी बोलते थे अभी गोरखपुर 
में भी भोजपुरी में भाषण दिया था। अब जरुरत है कि करोड़ो भोजपुरी भाषिय़ों की 
आवाज सुनी जाये औऱ इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शीघ्र शामिल किया 
जाये। आशा है सरकार की तंद्रा टूटेगी औऱ करोड़ो भोजपुरीं भाषियों की आवाज 
संविधान की आठवीं अनुसूची तक पहुंचेगी।

लाल कला मंच के सचिव एवं मीडिया सलाहकार है
फओन-9868163073 या 7042663073






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