लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। अलंकार साहित्यिक सभा,नई दिल्ली द्वारा नागलोई में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली,एन सी आर से आये लगभग 20 कवियों ने हिस्सा लिया | विशेष अतिथि नवांकुर साहित्य सभा के अध्यक्ष अशोक कश्यप और विशिष्ठ अतिथि श्याम नंदा नूर ने मंच की शोभा बढ़ाई कार्यकर्म की अध्यक्षता गीतकार जय सिंह आर्या ने की ।
सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ और माला के द्वारा स्वागत किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत लुफ्तर रहमान सरस्वती वंदना से हुई। इसमें दिल्ली एन. सी. आर. से आये सभी कवियों ने अपनी शानदार रचनाएं सुनाई जिसे सभी उपस्थित श्रोताओं में खूब पसंद आई जिनमे असलम बेताब ने देश भक्ति से ओत प्रोत मुक्तक ---"हमको क्या लेना देना पेरिस जापान की मिटटी से ,हमको बड़ी मुहब्बत है हिंदुस्तान की मिटटी से।पढ़ा जिस पर सभी श्रोताओं ने खूब दाद दी !
कवि निर्देश शर्मा ने भी अपनी एक शानदार ग़ज़ल पढ़ी ---हाथ बस इतना लगाना ,हाथ थक जाने के बाद।ये दवा खाने से" पहले , और ये खाने के बाद।
कवि एवं पत्रकार संजय कुमार गिरि ने देश भक्ति ग़ज़ल पढ़ी --वतन पर मर मिटेंगे हम कसम ये आज खाते हैं ,लगा कर जान की बाजी तिरंगा हम उठाते हैं।जिस पर सभागार में उपस्थित सभी श्रोता झूम उठे । सभी कवियों द्वरा सुनाई रचनाओ का आकलन वरिष्ठ साहित्य मनीषियों द्वारा किया गया और परिणाम स्वरूप पांच श्रेष्ठ रचना करों को चुनकर उनको प्रथम द्वितीये एवं तृतीय सम्मान से नवाजा गया ! जिनमें प्रथम स्थान--कर्ण सिंह कर्ण का रहा और द्वितीय दो स्थान में -निर्देश शर्मा और सूरज मणि त्रिपाठी का रहा , तृतीय स्थान भी दो रचनाकारों को प्रदान किये गए जिनमे कृष्णा नन्द तिवारी एवं इब्राहीम अल्वी का रहा।सभी विजेताओं को अलंकार साहित्य सभा द्वारा सम्मान पत्र एवं पुष्प माला पहना कर स्वागत एवं सम्मानित किया गया। मंच का सफल संचालन कुमार अनुज ने किया। अन्य उपस्थित कवियों में मंच के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद वर्मा "अकेला", राजीव तनेजा,अनुज ,राजीव पराशर, कवि,रोनी ईनोफाइल ,सूरज मणि त्रिपाठी ,नाहर सिंह दाहिया ,सुदेश भारद्वाज ,मनीष मधुकर
और जीतेंदर प्रीतम प्रमुख थे |
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