शुक्रवार, 30 सितंबर 2016

गांधी जयंती पर लाल बिहारी लाल की कविता-गांधी तेरे देश में

गांधी जयंती पर लाल बिहारी लाल की कविता

कविता- गांधी तेरे देश में

लाल बिहारी लाल

गांधी जी तेरे देश में हो रहा अजब कमाल
जनता भूखें  मर रही नेता मालामाल
गांधी जी तेरे देश में हो रहा अजब कमाल

कुछ तुम खाओ कुछ हम खायें गीत ईमान का गाये
मरे जनता चाहे भाड में जाये हम इतिहास बनाये
लुट खसोट का जग में)2 हो रहा अजब कमाल
गांधी जी तेरे देश में ..........

काम ना होय तुम बिन डंका बाजे चहु ओर
लाख करे गलती फिर भी मांफी ना मांगे चोर
दुनिया के इस दौड़ में)2 भारत है  बे-हाल
गांधी जी तेरे देश में ..........

जात पात की आड़ में धू-धू जल रहा देश
नेता माल दबा के खायें,बाहर करे निवेश
जनता पर कर लगा के)2हो गये मालामाल
गांधी जी तेरे देश में ..........

कही अंबानी,कही अदानी,राम देव की चर्चा
जनता कर रही त्राहि-त्राहि लेके हाथ में पर्चा
जीओ से जीना सिखला के)2 देश करे कंगाल
गांधी जी तेरे देश में ..........

अच्छे दिनों की आस में जनता हुई उदास
छोड़-छाड़ दो फेंकना काम करो अब खास
जनता मांगे जबाब अब)2 अखियां करके लाल
गांधी जी तेरे देश में ..........

सीमा पर सेना शहीद,नेता मनाये ईद –बकरीद
लाल बिहारी लाल करे सवाल कब उठी शमसीर
अब तो होश में आ जाओ)2 कर दो हल सवाल
गांधी जी तेरे देश में ..........


सचिव-लाल कला मंच, नई दिल्ली
फोन-9868163073 या 7042663073



+++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++


लेखक-परिचय
लाल बिहारी गुप्ता उर्फ लाल के बिहार के छपरा जिला में जन्में पिछले तीन दशक से हिन्दी एवं भोजपुरी में सतत लेखन। पसंदीदा विषय समाजिक मुद्दे पर्यावऱण एवं श्रृंगार देश के कई पत्र-पत्रिकाओं में  सैकड़ो कविता प्रकाशित। 5 पुस्तको का संपादन कर चुके है। देश के विभिन्न संगीत कंपनियो हेतु 60 कैसेट 12 वी.सी.डी. के तहत 100 से ज्यादा गीत बजार में जिनमें टी.सीरीज, एच,एम.वी.,वीनस सहित अन्य कंपनियाँ शामिल है से।इनकी भोजपुरी कविता क्रांति बी.आर. अंबेडकर विहार विश्वविद्यालय,मुजफ्फरपुर के स्नातक एवं नालंदा ओपेन विश्वविद्यालय   (बिहार) पाठ्यक्रम में शामिल है। वर्तमान में लाल कला मंच,बदरपुर,नई दिल्ली के संस्थापक सचिव तथा हमारा मैट्रो हिन्दी दैनिक के साहित्य संपादक है। फोन-7042663073,
मेल आई डी-lalkalamunch@rediffmail.com








भोजपुरी गीत –आइल रहस गांधी जी..........

भोजपुरी गीत –गाँधी जी पर
        
*लाल बिहारी लाल

आइल रहस गांधी जी भारत में संत बन के
उनके परिश्रम से मुक्ति मिलल गोरन से

विगुल बाजल आजादी के सहर आ गांवे-गांव
केतना देले कुरबानी भइल भारत में नाव
अइसन महात्मा से अंगरेज भी डर गइले   
आइल रहस गांधी जी ............. 

केतना गो नर नारी,गांधी के साथे अइले
क्रांति के मसाल के अहिंसा से जलइले
सदी में जे ना भइल, बरिस में करी गइले
आइल रहस गांधी जी ............. 


चौरा-चौरा के घटना चाहे हो दांडी मार्च
लंदन में गोलमेज हो चाहे बिहार मार्च
सबका हीरो गांधी जी देखत-देखत हो गइले
आइल रहस गांधी जी .............

बटवले हाथ गांधी जी के नेहरु आउर सुभास
भगत आउऱ चंदशेखर से बढ़ गइल विस्वास
देखत देखत पटेल गांधी के संगे अइले
आइल रहस गांधी जी .............

करो मरो के नारा , अंगरेजों भारत छोड़ों
भइल गदर क्रांति लड़ो अब मुँह ना मोड़ों
लाल बिहारी लाल कहेले ई बात तन-तन के
आइल रहस गांधी जी .............
सचिव-लाल कला मंच,नई दिल्ली-44
lalkalamunch@rediffmail.com

लेखक-परिचय
लाल बिहारी गुप्ता उर्फ लाल के बिहार के छपरा जिला में जन्में पिछले तीन दशक से हिन्दी एवं भोजपुरी में सतत लेखन। पसंदीदा विषय समाजिक मुद्दे पर्यावऱण एवं श्रृंगार देश के कई पत्र-पत्रिकाओं में  सैकड़ो कविता प्रकाशित। 5 पुस्तको का संपादन कर चुके है। देश के विभिन्न संगीत कंपनियो हेतु 60 कैसेट 12 वी.सी.डी. के तहत 100 से ज्यादा गीत बजार में जिनमें टी.सीरीज, एच,एम.वी.,वीनस सहित अन्य कंपनियाँ शामिल है से।इनकी भोजपुरी कविता क्रांति बी.आर. अंबेडकर विहार विश्वविद्यालय,मुजफ्फरपुर के स्नातक एवं नालंदा ओपेन विश्वविद्यालय   (बिहार) पाठ्यक्रम में शामिल है। वर्तमान में लाल कला मंच,बदरपुर,नई 







बुधवार, 28 सितंबर 2016

भोजपुरी को संविधान में शामिल करने की मांग फिर उठी- लाल बिहारी लाल

भोजपुरी को संविधान में शामिल करने की मांग फिर उठी
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली।  भारत- नेपाल सीमांचल शहर रक्सौल के हजारीमल हाई स्कूल में भोजपुरी समाज द्वारा भोजपुरी को संविधान की आंठवी अनुसूची में शामिल करने की मांग उठी। कार्यक्रम की शुरुआत भोजपुरी जन--जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष पटेल,भोजपुरी के कवि डा० गोरख प्रसाद मस्ताना , प्रो० अनिल कुमार सिन्हा ,भरत प्रसाद गुप्ता ,डा०चन्द्रमा सिंह ,सुरेश कुमार वार्ड पार्षद ,जय कुमार अजय ,प्रो० मनीष दूबे ,प्रो० धनन्जय कुमार श्रीवास्तव आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया |

    इस समारोह का आयोजन नागरिक चेतना मंच ,रक्सौल एवं ग्राम स्वराज मंच ,आदापुर ने संयुक्त रूप से किया था | समारोह की अध्यक्षता नागरिक चेतना मंच के अध्यक्ष  प्रो० अनिल कुमार सिन्हा ने की एवं मंच का संचालन ग्राम स्वराज्य मंच के अध्यक्ष श्री रमेश सिंह ने किया | समारोह में भोजपुरी के विद्वान कवि डा० हरीन्द्र हिमकर ,प्राचार्य-महिला कालेज ,रक्सौल ,सांसद प्रतिनिधि राजकिशोर भगत ,गुड्डू सिंह ,रजनीश प्रियदर्शी ,सुरेश बाबा , जिला अध्यक्ष ,सीमा जागरण मंच ,उदय सिंह ,राजेश कुमार शिक्षक ,आजम फैज़ ,हर्षित रौनियार ,विक्की साह ,शिवशंकर राम ,गोरख राम, नितेश कुमार पटेल ,काशीनाथ पासवान ,रामेश्वर प्रसाद यादव ,विनोद कुशवाहा ,दुर्गेश साह ,परमानन्द सहनी ,हीरालाल कुशवाहा आदि भरी संख्या में समाज के सभी वर्गों के लोग उपस्थित थे | भोजपुरी को मान-सम्मान मिलने तक संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया गया वही श्री संतोष पटेल जी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर 15 नवम्बर से होने वाले धरना में भारी संख्या में भाग लेने की अपील की | नागरिक चेतना मंच और ग्राम स्वराज मंच द्वारा शीघ्र ही  केन्द्रीय विश्यविद्यालय में भोजपुरी की पढाई की मांग को लेकर धरना का आयोजन किया जायेगा |

*लेखक-भोजपुरी आंदोलन से संबद्ध है

सोमवार, 26 सितंबर 2016

हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु चर्चा गोष्ठी आयोजित

हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु पत्रकारों का चर्चा गोष्ठी आयोजित


लाल बिहारी लाल।
 नई दिल्ली। भारत को आजाद हुए 70 साल हो गये पर आज तक राष्ट्र की कोई भाषा नहीं बन सकी। इसी संदर्भ में हिन्दी वेलफेयर ट्रष्ट, मुम्बई की ओर से हिन्दी को राष्ट्रभाषा दर्जा दिलाने के लिए भारतीय पत्रकारो का एक अभियान समस्त भारत में चलाया जा रहा है।इस कड़ी में मुम्बई, कोलकाता,भोपाल,लखनऊ,नागपुर जलगांव,गौवहाटी,चैन्नई,मंगलूरु आदि के साथ दिल्ली में हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सहयोग से पत्रकारों का हिन्दी भवन ,नई दिल्ली में एक परिचर्चा सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें डा.वेद प्रकाश बैदिक,प्रो. रवि शर्मा, बिजय जैन, न्यायविद पन्ना लाल जैन,गोविंद ब्यास आदी ने परिचर्चा को संबोधित किया। अपने संबोधन में डा. बैदिक ने कहा कि आज हिन्दी के करोड़ो बोलने वाले है पर नेताओं द्वारा उपेक्षा के कारण इसे राष्ट्रभाषा नहीं बनाया जा सका। वही महेशचंद्र शर्मा ने कहा कि दृढ़ ईच्छा शक्ति की कमी है जब तक ईच्छा शक्ति नही होगी तब तक इसे राष्ट्रभाषा नही बनाया जा सकता है।उन्होने तुर्की की कहानी भी बताई । न्याविद पन्ना लाल जैन ने संवैधानिक स्थिति के तहत कहा कि इसे हर राज्य के विधान सभा से पारित होने के वाद ही इसे राष्ट्रभाषा बनाया जा सकता है । वही हिन्दी वेल फेयर ट्रस्ट के संचालक एंव आयोजक विजय जैन ने कहा कि हम देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसका अलख जगाना चाहते है पत्रकारो के माध्यम से ताकि  जन –जन में ये वात पहूंचे की देश की राष्ट्र की एक भाषा होनी चाहिये फिर उसे संसद तक आसानी से पहुँचाया जा सकता है।उहोने ये भी कहा कि 10 जनवरी 2017 को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर मुम्बई से दिल्ली तक एक रेल द्वारा जन जागरण यात्रा निकाला जायेगा ।
       इस अवसर पर हिन्दी के  विभिन्न पत्रकारों एंव हिन्दी सेवियों उनमें विनय कंसल, जगदीश शर्मा,चन्द्र मोहन आदी।को गोविंद ब्यास विजय जैन एवं महेश चंद्र शर्मा द्वारा शाल ओढ़ाकर एंव प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर लाल बिहारी लाल सहित कई पत्रकार एवं साहित्यकार भी मौयूद थे।
 
 



बुधवार, 21 सितंबर 2016

पाक को चेताती कविता-बहुत हो गया......

बहुत हो गया......


लाल बिहारी लाल

बहुत हो गया कहा सुनी,
अब तो दो-दो हाथ करो।
माने नहीं बात अगर तो,
पी.ओ.के पर लात धरो।।

कहे लाल सठियाना छोड़ो,
अब तो आगे बढ़ जाओ।
रोज-रोज के झंझट से तो,
एक बार अब लड़ आओ।।

सीना छप्पन का दिखला दो,
अब उनकी औकात बता दो।
इंदिरा का इतिहास दुहरा दो,
तिरंगा इस्लामाबाद फहरा दो।।


        सचिव –लाल कला मंच,

        नई दिल्ली

मंगलवार, 13 सितंबर 2016

अपने देश में हिन्दी हुई बेहाल-लाल बिहारी लाल


अपने देश में हिन्दी हुई बेहाल-लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। आज हर साल सितंबर माह आते ही हिन्दी दिवस मनाने की चहल 
पहल हर सरकारी दफ्तरों में शुरु हो जाती है औऱ हिन्दी दिवस के नाम पर करोड़ो 
रुपये पानी की तरह बहा दिया जाता है। चाहे वो राज्य की सरकारें हो या केन्द्र 
सरकार हो। हिन्दी को हमारे नेता राष्ट्रभाषा बनाने चाहते थे। गांधी जी ने सन् 
1918 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था 
और ये भी कहा कहा था कि हिन्दी ही एक ऐसी भाषा, है जिसे जनभाषा बनाया 
जा सकता है।
14 सितंबर 1949 को हिन्दी को भारतीय संविधान में जगह दी गई पर दक्षिण 
भारतीय एवं अन्य कई नेताओं के विरोध के कारण राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के 
अनुरोध पर सन 1953 में 14 सिंतबर से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दे दिया गया। 
परन्तु सन 1956-57 में जब आन्ध्र प्रदेश को देश का पहला भाषायी आधार पर 
राज्य बनाया गया तभी से हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की धार कुंद पड़ गई और 
इतनी कुंद हुई कि आज तक इसकी धार तेज नहीं हो सकी। औऱ राष्ट्रभाषा की 
वात राजभाषा की ओर उन्मुख हो गई। आज हिन्दी हर सरकारी दफ्तरो में महज 
सितंबर माह की शोभा बन कर रह गई है।
हिन्दी को ब्यवहार में न कोई कर्मचारी अपनाना चाहता है और नाहीं कोई 
अधिकारी जब तक कि उसका गला इसके प्रयोग न फंसा हो। हिन्दी के दशा एवं 
दिशा देने के लिए उच्च स्तर पर कुछ प्रयास भी हुए। इसके लिए कुछ फांट भी 
आये और इसके दोषों को सुधारा भी गया औऱ आज सारी दुनिया में अंग्रैजी की 
भांति हिन्दी के भी सर्वब्यापी फांट यूनीकोड आ गया है जो हर लिहाज से काफी 
सरल ,सुगम एवं प्रयोग में भी आसान है। सरकार हिंदी के उत्थान हेतु कई नियम 
एवं अधिनियम बना चुकी है परन्तु अंग्रैजी हटाने के लिए सबसे बड़ी बाधा राज्य 
सरकारें है।क्योकिं नियम में स्पष्ट वर्णन है कि जब तक भारत के समस्त राज्य 
अपने –अपने विधानसभाओं में एक बिल(विधेयक) इसे हटाने के लिए पारित कर 
केन्द्र सरकार के पास नहीं भेज देती तब तक संसद कोई भी कानून नहीं बना 
सकती है।
ऐसे में अगर एक भी राज्य ऐसा नहीं करती है तो कुछ भी नहीं हो सकता है। 
नागालैण्ड एक छेटा –सा राज्य है जहां की सरकारी भाषा अंग्रेजी है। तो भला वो 
क्यों चाहेगा कि उसकी सता समाप्त हो। दूसरी तामिलनाडू की सरकार एंव 
राजनीतिज्ञ भी हिन्दी के घोर विरोधी है औऱ नहीं चाहते की उन पर हिन्दी थोपी 
जाये जबकि वहां की अधिकांश जनता आसानी से हिन्दी बोलती एवं समझती है। 
आज भारत के राजनीतिज्ञों ने कुर्सी को इस तरह जोड़ दिया है कि अब इसको 
राष्ट्रभाषा बनाने के सपने धूमिल हो गये हैं।आज हिन्दी भारत में ही उपेक्षित है 
लेकिन देश से बाहर बिदेशों में बाजारीकरण के कारण काफी लोकप्रिय हो गई है।
कई देशों ने इसे स्वीकार किया है। कई बिदेशी कंपनिया अपने उत्पादों के 
विज्ञापन भी हिन्दी में देने लगी है। इंटरनेट की कई सोशल सर्विस देने वाली साइटें 
मसलन-ट्वीटर ,फेसबूक आदि पर भी हिन्दी की उपलब्धता आसानी से देखी जा 
सकती है।परन्तु आज दुख इस बात का है कि हिन्दी आज अपने ही देश में बे-हाल 
होते जा रही है।यही कुछ कहना है लाल कला मंच सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना 
मंच,नई दिल्ली के संस्थापक सचिव हिन्दी सेवी ,पर्यावरण प्रेमी दिल्ली रत्न 
लाल बिहारी लाल का। 





शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

भोजपुरी गजल संध्या में पहूँचे लाल बिहारी लाल


राजेन्द्र भवन नई दिल्ली में लोक गायक प्रेम सिंह सागर द्वारा गायन के दौरान सभागार में तथा गायन के बाद मंच पर भोजपुरी भाषा मान्यता के अधिकारी -संतोष पटेल,जे.पी.दिवेदी ,रमाधार पांडे एवं अन्य भोजपुरिया भाई लोग के संग आपका स्नेही लाल बिहारी लाल ।दिनांक 3/9/2016 को।

मंगलवार, 6 सितंबर 2016

लाल बिहारी लाल के गुरु पर कुछ दोहा

शिक्षक दिवस पर विशेष

लाल बिहारी लाल के
गुरु पर कुछ दोहा

बिना गुरु ज्ञान जग में,पा ना पाया कोय।
गुरु का जो मान रखा, जग बैरी न होय।1

गुरु को गुरु की तरह, माने आज इंसान।
उसका मान जग करे,हरि करे कल्याण।2

गुरु ज्ञान की खान है,ले लो जितनी चाह।
भला करे बस हर घड़ी,लाल खुलेगा राह।3

गुरु बिना जग में कुछ भी,पाना नहीं असान।
गुरु की कृपा हो जिस पर,उसका हो कल्याण।4

पहला गुरु मां जगत में, दूजा गुरु  दे ज्ञान।
दंभ हर रहित कर दे,मानव बने महान।5



सचिव –लाल कला मंच,नई दिल्ली

पोन-7042663073 या 9868163073