मेरा हिन्दुस्तान से रिश्ता जिस्म का जैसे
जान से रिश्ता
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। 69 वें स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर लाल कला मंच,नई दिल्ली
की ओर से एक ओज कव्य गोष्ठी का आयोजन सुरेश मिश्र अपराधी की
अध्यक्षता में मोलड़बंद गांव में हुआ संपन्न हुआ।काव्य गोष्ठी की शुरुआत मंच के
अध्यक्ष सोनू गुप्ता एंव
समाजसेवी गौरव बिन्दल के दीप प्रज्जवलन से हुआ। इसके बाद
इशरार अहमद ने
अपनी कविताओं से। जय प्रकाश गौतम ने कहा-
कभी तो याद हमको भी कर लो जमाने में।
नहीं पिछे हटे हम वतन पे जां लुटाने में।।
के.पी. सिंह कुंवर, आकाश पागल ने ओज कवितायें पढ़ी। उमर हनीफ ने
कहा-
गुहर के वास्ते गहराईयाँ जरुरी है।
मिलेगा क्या तुम्हें साहिल खंगालने वाले।।
रवि शंकर,कृपा शंकर तथा महेन्द्र प्रीतम ने कड़ी को संभाला। लाल बिहारी
लाल ने कहा कि-
मेरा हिन्दुस्तान से रिश्ता ।जिस्म का जैसे जान से रिश्ता।। सुरेश मिश्र
अपराधी एवं गौरव बिन्दल ने भी अपनी-अपनी कविताओं से सबका मन मोह
लिया। अंत में संस्था के अध्यक्ष सोनू गुप्ता ने आये हुए सभी कवियों एंव
आगन्तुकों को 69 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
धन्यवाद दिया।
कभी तो याद हमको भी कर लो जमाने में।
नहीं पिछे हटे हम वतन पे जां लुटाने में।।
के.पी. सिंह कुंवर, आकाश पागल ने ओज कवितायें पढ़ी। उमर हनीफ ने
कहा-
गुहर के वास्ते गहराईयाँ जरुरी है।
मिलेगा क्या तुम्हें साहिल खंगालने वाले।।
रवि शंकर,कृपा शंकर तथा महेन्द्र प्रीतम ने कड़ी को संभाला। लाल बिहारी
लाल ने कहा कि-
मेरा हिन्दुस्तान से रिश्ता ।जिस्म का जैसे जान से रिश्ता।। सुरेश मिश्र
अपराधी एवं गौरव बिन्दल ने भी अपनी-अपनी कविताओं से सबका मन मोह
लिया। अंत में संस्था के अध्यक्ष सोनू गुप्ता ने आये हुए सभी कवियों एंव
आगन्तुकों को 69 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
धन्यवाद दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें