कविता- सरकार आपकी
लाल बिहारी लाल,नई दिल्ली
अब कैसे गलेगी दाल सरकार आपकी
जनता का हाल बेहाल सरकार आपकी
अब कैसे गलेगी दाल......
अच्छे दिनों का वादा करके सता में आये थे
बेरोजगारी महँगाई पर जनता को भाये थे
चार साल में जनता को कर दिया कंगाल
अब कैसे गलेगी दाल......
खत्म किया सब्सिडी सब, दाम बढ़ाया रोज
जनता करे त्राहि-त्राहि,मुश्किल हो गया भोज
बाबा रामदेव, अदानी हो गये मालामाल
अब कैसे गलेगी दाल......
सीमा पर सेना परेशान,खेतों में है किसान
आप सदा रहते है , अमीरों पर मेहरबान
कब तक रहेगी जनता ऐसे में फटेहाल
अब कैसे गलेगी दाल......
काम करो कुछ जनता का अब तो रखो ख्याल
करे निवेदन जनता खातिर लाल बिहारी लाल
चार साल में वादो पर जनता करे सवाल
अब कैसे गलेगी दाल......
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