जनसंख्या पर दोहा
*लाल बिहारी लाल
दो चार आठ की तरह, बढ़े तमाम लोग।
संसाधन चरमरा रहे, मुश्किल होय भोज।1।
इसे रोकने का जतन,करना होगा आज।
वरना आने वाला कल ले आयेगा खाज।2।
जल वायु की आपूर्ति, बाधित होगी आज।
इसके असर से दुखीः,होगा सकल समाज।3।
पर्यावरण अब हो रहा, निशदिन रोज खराब।
इसे बचाने के लिए,विकसित करे दोआब।4।
ताल-तलैया सुख रहे,चिडियाँ हुई उदास।
कही सुनामी भूकंप,बने काल के ग्रास।5।
आबादी निशदिन बढ़े ,लड़की पर कम होय।
देश हित समाज में यह अदभुत संकट होय।6।
* सचिव-लाल कला मंच, नई दिल्ली
फोन-9868163073 या 7042663073
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