मेंहदी रची हथेलियाँ लहरों ने चूम लीं,
छोड़े जब उसने ताल में जलते हुए दिए,
छोड़े जब उसने ताल में जलते हुए दिए,
इस तरह तमाम दुनिया की मीठी कड़वी सच्चाई को अपने एक एक शेर से बयाँ करने वाले मोहतम शायर उस्ताद मंगल नसीम जी का 60 वां जन्मदिन उनके शिष्यों द्वारा "अखिल भारतीय उर्दू- हिंदी एकता अंजुमन" द्वारा तनेजा टायर वर्ल्ड ,नागलोई ,नई दिल्ली में शानदार तरीके से मनाया गया जो मोहतरम शायर उस्ताद मंगल नसीम पर केन्द्रित रहा ! उनके शिष्यो में रामश्याम हसीन,असलम बेताब,राजेश तंवर,संजय कुमार गिरि ने मिलकर यह सुन्दर आयोजन किया ! मुख्य अतिथि श्री मति रेखा रोहतगी ,विशिष्ट अतिथि श्री अवधेश तिवारी रहे !कार्यक्रम में अध्यक्षता -सपन भट्टाचार्य ने की ! इस सुन्दर आयोजन का मंच सञ्चालन कवि दुर्गेश अवस्थी ने अपने लाजबाब अंदाज में किया ! सरस्वती वंन्दना संजय कुमार गिरि ने अपनी मधुर आवाज में की ! इस सुन्दर आयोजन में उस्ताद शायर श्री मंगल नसीम के कुछ पुराने शिष्य भी थे जिन्होंने अपने कुछ अनुभव वहां सुनाये जो उन्होंने मंगल नसीम जी के सानिध्य में बिताये ! जिनमे डॉ .प्रवीन शुक्ल ,,पदम् प्रतीक ,चन्द्र मणि चन्दन रामश्याम हसीन थे ! इस सुअवसर पर कवि सम्मेलन एवं मुशायरा भी किया गया जिनमे दिल्ली ,उत्तर प्रदेश
हरियाणा से आये कवि कवित्रियों ने शिरकत की और अपनी शानदार रचनाएं सुनाई -
कवि रामश्याम हसीन की सुन्दर पंक्तियाँ जो श्रोताओं को बहुत पसंद आई ---
आज भी उस पर भरोसा है मुझे
जिसने दुःख ही दुःख परोसा है मुझे
जिसकी लम्बी उम्र की मैंने दुआ की
उसने तो हर वक्त कोसा है मुझे
-कृष्णा नन्द तिवारी के लाजबाब दोहें ----
दुआ यही भगवान से , बस इतनी सी चाह
जिये हजारो साल तक , रहे दिखाते राह --
जिये हजारो साल तक , रहे दिखाते राह --
हरियाणा से आये -हरियाणवी कवि राजेश तंवर --का भी जबाब नहीं ---
तुम्हारे साथ रहकर रौशनी में मैं नहाता हूँ
कभी तुम रात पूनम की कभी दिन का उजाला हो
गाज़ियाबाद से आये कवि मनोज कामदेव जी की लाजबाब रचना ---
दीवार पे लटकी कोई शमशीर नहीं हूँ,
जो आके कैद करले वो जंजीर नहीं हूँ,मुझको भी अपना हुनर दिखाना आता है,
तभी तो मैं बिकने वाली जाग़ीर नहीं हूँ।।
इंद्रप्रस्त दिल्ली --से कीर्ति';रतन';';निशि';----
';';न छलके आँख से होते तो पैमाने कहाँ जाते
ग़ज़ल गर ज़िन्दगी होती तो अफसाने कहाँ जाते ';';
ग़ज़ल गर ज़िन्दगी होती तो अफसाने कहाँ जाते ';';
संजय कुमार गिरि ------
करें सदा हम गुरु की ,महिमा का गुणगान !
गुरु ज्ञान की खान है ,होते गुरु महान !!
! शायर अफजाल देहलवी --शायरा शबनम सिद्दकी,पूनम माटिया (साहित्यिक संपादिका ट्रू -मीडिया ), आरिफ देहलवी (गीतकार )राजेंदर सलिल (संगीतकार ) राजीव तनेजा ,कवियत्री कीर्ति सिंह,नरेश मालिक ,मनोज कमदेव शर्मा ,विक्रम भारतीय ,निर्देशशर्मा ,डॉ.प्रशांत देव (आगरा ) विकास शर्मा राठी (जींद )सेंतीस्वा कवि ,कृष्णानंद तिवारी ,जगदीश भारद्वाज ,राजबीर खत्री ,शैल भदावरी ,बलजीत , बी के बोस,संजू तनेजा, आदि थे !
प्रस्तुति-लाल बिहारी लाल
9868163073या7042663073
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