सोमवार, 5 जून 2017

प्रदूषण के नंगा दानव को रोकना होगा....लाल बिहारी लाल

दो कदम हम चलें और दो कदम चलें आप तब जाके बनेगी कोई बात......



लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली । दक्षिणी दिल्ली के बदरपुर स्थित मीठापुर चौक पर  विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हर वर्ष का भांति  इस वर्ष भी लाल कला मंच द्वारा काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने को प्रेरित कना है।  कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत लाल बिहारी लाल एव लाल कला मंच के अध्यक्ष सोनू गुप्ता ने माल्यार्पण एव गुलदस्ता भेट कर किया इस गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ समाज सेवी का. जगदीश चंद्र शर्मा  ने किय़ा मुख्य अतिथि के रुप में भाजपा के कर्मठ एवं जुझारु नेता तथा समाजसेवी डा. बी.बी. सिंह मौयूद थे। इस कार्यक्रम का संयोजन दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल का था तथा मंच का संचालन फरीदाबाद से आये कवि शिव प्रभाकर ओझा ने किया। इस अवसर पर सभी कवियो एवं वक्ताओं ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शपथ लिया की तन,मन कर्म एवं वचन से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास प्रयास करुंगा। काब्य गोष्ठी की शुरुआत वरिष्ठ साहित्यकार एस.पी.ओझा के सरस्वती वंदना से शुरु हुई। जिसमें दिल्ली एवं एन.सी.आर के लगभग 1कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ कवियों ने देश के भ्रष्ट नेताओं पर भी  व्यंग कसा। उपस्थित कवियों में डा.कृष्णानंद तिवारी, अमृता रानी ,शिव प्रभाकर ओझा, लाल बिहारी लाल, महेंद्र प्रीतम, लाल बिहारी लाल ने कहा- दो कदम हम चलें और दो कदम चले आप । तब जाके प्रदूषण का मिटे धरा से छाप।। प्रदूषण का नंगा दानव नाच रहा है दुनिया में । इस दानव को रोको वरना आग लगेगी दुनिया में। नानकचंद जी ने पक्षियों की घट रही प्रजातियों पर तंज कसा तो गिरी राज गिरीश ने पेड़ बचाने की गुहार लगाई तो वही जे.पी. गौतम ने सांस्कृतिक प्रदूषण पर रोक लगाने की बात कही। डा.सत्य प्रकाश पाठक ने इस धरती पर बढ़ रहे ग्लोबल वार्मिग पर चिंता ब्यक्त की।वही के.पी. सिंह कुंवर नें आजकल के बच्चों में संस्कार की कमी की वजह से पर्यावरण के प्रति जागरुक नही है जिससे पर्यावरण खराब हो रहा है। तो वही युवा कवि सिद्धांत ने कहा की सरकार आज निकम्मी है तभी प्रदूषण का पांव दुनिया में जमी है।डा. के.के. तिवारी  ने अपनी सुमधुर कविताओं से समा बांध दिया जिससे पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान था। मुख्य तिथि डा. बी. बी. सिंह ने कहा कि- सरकार अकेले पर्यावरण के दुरुस्त नहीं कर सकती जब तक आम जनता की भागिदारी न हो। अंत में अध्यक्षीय भाषण में का. जगदीश चंद्र शर्मा ने कहा कि घऱती हम सब की माँ है इसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है अगर मां ठीक नहीं रहेगी तो भला बच्चें कैसे ठीक रह सकते हैं।  इसलिए धरती पर जीवन को बचाने के लिए आज अधिक से अधिक पेड़ लगाना होगा तथा प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम दोहन करना होगा। इस अवसर पर पुरविया समाचार पत्र के संपादक मनोज सिंह,जनतंत्र की मर्यादा के संपादक ओ.पी. मिश्रा ,क्राइम कंट्रोल के जेनरल सेकरेटरी लोक नाथ शुक्ला,समाजसेवी मलखान सैफी,रविशंकर,कृपा शंकर सहित कई गन्यमान्य मौयूद थे। इस कार्यक्रम के सह आयोजक होलिस्टिक अवार्नेस मिशन के अध्यक्ष डा.के.के. तिवारी का सहयोग सराहनीय रहा। अंत में लाल कला मंच के अध्यक्ष सोनू गुप्ता ने सभी  आगन्तुको का हार्दिक धन्यवाद दिया।
प्रस्तुति-लाल कला मंच,नई दिल्ली

बुधवार, 31 मई 2017

प्रो. नित्यानंद पाण्डेय को पं. मदनमोहन मालवीय पुरस्कार मिला

राष्ट्रपति ने प्रथम मदनमोहन मालवीय पुरस्कार से किया सम्मानित


नई दिल्ली। असम विश्वविद्यालय के शिक्षाविद प्रोफेसर नित्यानंद पाण्डेय को पहला पंडित मदनमोहन मालवीय पुरस्कार से विगत 30 मई को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति महामहिम प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया। इस वर्ष पहली बार पंडित मदनमोहन मालवीय पुरस्कारकी घोषणा हुई है। शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हेतु दिया जाने वाला यह पुरस्कार इस वर्ष प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय को उनके उत्कृष्ट योगदानों के लिए दिया गया है। इस पुरस्कार की घोषणा पिछले 10 अप्रैल को की गई थी जिसे 30 मई को प्रदान किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से प्रदत्त यह पुरस्कार केन्द्रीय हिंदी संस्थान द्वारा दिया गया है। इसे राष्ट्रपति भवन के दरबार हाँल में महामहिम  के द्वारा प्रदान किया गया है। इसके मुख्य अतिथि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर थे।  इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति-पत्र के साथ ही पाँच लाख रूपए की नकद धनराशि दी गई है। 
प्रोफेसर पाण्डेय असम विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में अध्यक्ष है। इनका जन्म स्थान उत्तर-प्रदेश के देवरिया जिले का भाटपार रानी है। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की तथा प्रथम सेवा नागपुर विश्वविद्यालय में दी। माता श्रीमती किशोरी देवी और पिता पंडित विद्याधर पांडेय की संतति प्रो. नित्यानन्द पाण्डेय का विवाह उत्तर-प्रदेश के कुशीनगर जिला के तमकुहीरोड (सेवरही) में स्व. पं. सुदामा शुक्ल व स्व. लतिका शुक्ला की पुत्री डाँ.. शुभदा पांडेय से हुआ। डाँ.. शुभदा पाण्डेय देश-विदेश में प्रतिष्ठा प्राप्त एक सुपरिचित साहित्यकार हैं।  प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय अपने सादगी पूर्ण जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं। बचपन से भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेंद्र प्रसाद जी व्यक्तित्व से प्रभावित रहने वाले प्रो पाण्डेय को उसी राष्ट्रपति भवन में सम्मान मिला।यह उनके लिए खुपशी की बात है।
 प्रस्तुति-लाल बिहारी लाल

मंगलवार, 30 मई 2017

तिनका:एक सफरनामा’ का लोकार्पित

तिनका:एक सफरनामाका लोकार्पण, काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह आयोजित




लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। अनुराधा प्रकाशन,नई दिल्ली  द्वारा प्रकाशित पुस्तक तिनका : एक सफरनामाका लोकार्पण हिन्दी भवन में मुख्य अतिथि डॉसरोजिनी प्रीतम, विशिष्ट अतिथि डॉराम प्रकाश शर्मा, श्रीमती कविता मल्होत्रा एवं प्रकाशक श्री मनमोहन शर्मा शरणआदि के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्ष प्रो. (ग्रुप कैप्टन) ओ.पी. शर्मा ने किया।इस पुस्तक के लेखक  संजीव कुमार दीक्षित बेकल दुबई में रह रहे हैं। इस कार्यक्रम हेतु वह विशेष रुप से दुंबई से आए हुए थे ।
   प्रकाशक एवं संपादक श्री मनमोहन शर्मा शरणने पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘80 पृष्ठ की इस पुस्तक में 30 रचनाएँ समाहित हैं जिनमें प्रमुखत: कविताएँ एवं ग़ज़ल है जिसमें समाज के विभिन्न पहलुओं का मार्मिक वर्णन  हैं। अनुराधा प्रकाशन की ओर से सम्मानित मंच द्वारा कृति लेखक  संजीव कुमार दीक्षित बेकलको शॉल एवं प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मान किया गया । इसके बाद लेखक श्री संजीव कुमार दीक्षित बेकलने इस पुस्तक से अपनी कई रचनाओं का पाठ भी किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. राम प्रकाश शर्मा ने कहा कि एक लेखक व साहित्यकार जो कविता लिखता है वह अपनी संतुष्टि के लिए लिखता है । तब वह यह नहीं सोचता कि यह कविता वह समाज के लिए लिख रहा है । एक रचना विभिन्न व्यक्तियों के लिए भिन्नभिन्न भावों को प्रकट करती है । साथ ही उन्होंने अनुराधा प्रकाशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले काफी समय से कई स्तरीय पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है  श्री मनमोहन शर्मा शरणबधाई के पात्र हैं । कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती कविता मल्होत्रा ने अपने वक्तव्य में पुस्तक के लेखक को अनेक शुभकामनाएं दीं और उनकी कविताओं की भूरिभूरि प्रशंसा की । उनके व्यक्तित्व के ऊपर कुछ पंक्तियाँ श्रोताओं को सुनाई जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा । डॉ. सरोजिनी प्रीतम ने लेखक को उनकी प्रथम कृति तिनका : एक सफरनामापर बधाई देते हुए कहा कि इस पुस्तक को मैंने व्यक्तिगत तौर पर दो बार पढ़ा है । इसमें से कई छोटीछोटी कविताओं को निकाला जा सकता है । साथ ही उन्होंने अपनी हँसिकाओं द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते हुए समां बांध दिया जिसे श्रोताओं ने बड़े ध्यान से सुना और उनका लुत्फ उठाया । अंत में कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. (ग्रुप कैप्टन) ओ.पी. शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि लेखक ने पुस्तक में सभी पहलुओं को छूने का प्रयास किया है । उन्होंने साहित्यकार विशेषांक में प्रकाशित अपनी प्रतिक्रिया श्रोताओं को पढ़कर सुनाई, उसके भाव कुछ इस प्रकार थे “‘बेकलद्वारा रचित तिनका एक सफरनामाकविता संग्रह काव्य सृजन की उस उक्ति को पूर्णतया चरितार्थ करता है जिसमें कहा गया है वियोगी होगा पहला अंजान। संजीव दीक्षित, संजीव भी हैं और दीक्षित भी । उन्होंने अपने वियोग की अनुभूति सहज रूप में चिह्नित विधा के माध्यम से सफलतापूर्वक दर्शायी है । वियोग सहृदयता, नैसर्गिगता, सरलता, मृदुलता, सौंदर्य, प्रेम और सत्य से  मानवता के विशुद्ध रूप से । तीसों कविताएँ अपने आप में पूर्ण हैं बेकलकी जीवन यात्रा के विशेष आयामों के चित्रण में ।इसके उपरांत उपस्थित समाजसेवियों का सम्मान किया गया, नाम इस प्रकार हैं – पं. रूपचन्द शर्मा, श्री सुशील गोयल, श्रीमती शैलजा, श्री सुरेश दीक्षित, डॉ. सरला सिंह, श्री प्रवीन भसीन । कवियों द्वारा काव्य पाठ भी किया गया, जिनमें श्रीमती शबनम शंकर, श्री जसवंत सिंह गुरजधर ’, श्री लाल बिहारी लाल, श्रीमती वन्दना गोयल, श्री आशुतोष द्विवेदी, श्री हीरेन्द्र चौधरी आदि प्रमुख थे । सभी कवियों का प्रकाशक द्वारा  अंगवस्त्र व माला से सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती प्रियंका लूथरा ने किया । कार्यक्रम के अंत में प्रकाशक  शर्मां ने सभी आगन्तुकों का हार्दिक धन्यवाद किया ।


सोमवार, 29 मई 2017

दीपक सूफी का नया एल्बम "आ जरा" बहुत जल्द

दीपक सूफी कह रहे हैं "आ जरा"

लाल बिहारी लाल


नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा और हिंदी गीत संगीत दिन प्रतिदिन नई ऊँचाईयों को छू रही है. इसी कड़ी में एक नया नाम जुड़ रहा है नवोदित हिंदी गायक दीपक सूफी का. दीपक सूफी अपना एक नया हिंदी एल्बम लेकर आ रहे हैं जिसका नाम है "आ जरा" जो दिनेश ग्रोवर प्रोडक्शन के बैनर तले रिलीज हो रही. इसे प्रोड्यूस किया है राधेश्याम ग्रोवर ने. इस एल्बम के गीत को दिल्ली के विभिन्न जगहों पर शूटिंग की गयी है. दीपक के गाए इस गीत को लिखा एवं संगीत से सजाया है विनय कपूर ने. इस एल्बम के निर्देशक दिनेश ग्रोवर हैं वहीं असोसिएट निर्देशक टीवी एवं भोजपुरी फिल्मों के जानेमाने निर्देशक संजय ऋतुराज. जबकि टेक्नीकल कांसेप्ट अभिषेक भोजपुरिया का है. इस एल्बम के गानों को कोरिओग्राफ किया है देव तोमर ने जबकि कैमरा का कामाल  दिखाया है मो. मुसरत व निहाल भगत ने. एल्बम के गानों पर अभिनय किया है प्रमोद देसवाल एवं फरहीन सिद्दीकी ने.   

बदरपुर डायरेक्ट्री भेंट करते हुए आपका मित्र एवं डायरेक्ट्री के संपादक लाल बिहारी लाल।




युवा गायक मि. राजा को बदरपुर डायरेक्ट्री भेंट करते हुए आपका मित्र एवं डायरेक्ट्री के संपादक लाल बिहारी लाल।

शुक्रवार, 26 मई 2017

बदरपुर डायरेक्ट्री भेंट करते हुए आपका मित्र एवं डायरेक्ट्री . के संपादक लाल बिहारी लाल।


गायिका राधा जी को बदरपुर डायरेक्ट्री भेंट करते हुए आपका मित्र एवं डा. के संपादक लाल बिहारी लाल।

बदरपुर डायरेक्ट्री भेंट करते हुए आपका मित्र लाल बिहारी लाल।



गायिका पूजा भारती को बदरपुर डायरेक्ट्री भेंट करते हुए आपका मित्र एवं डायरेक्ट्री . के संपादक लाल बिहारी लाल।