सोमवार, 26 जुलाई 2021

बारिश पर आधारित कुछ लोकप्रिय फिल्मी गीत

 

भिगी हुई है रात मगर जल रहे हैं हम.... 

लाल बिहारी लाल



नई दिल्ली। देश में बारिश ने दस्तक दे दी है। गीष्म ऋतु में जब धरती  तपने लगती है तो तपती गर्मी से जीवों पर मरहम लगाने के लिए प्रकृति आतुर हो जाती है फिर  बारिश का मौसम(ऋतु) आती है। वर्षा की बूँदे जब धरती पर पड़ती है मानो धरती अपने को तृप्त महसूस करती है। यही आलम जीवों में भी देखने को मिलता है। प्रकृति के इस अनुपम उपहार को फिल्मों में भी बहुत ही मार्मिकता के साथ स्थान दिया गया है या यूं कहे कि इस बारिश के माध्यम से नायक एवं नायिका एक दूसरे के करीब आते हैं । प्यार के तपिस में बारिश की चंद बूँदो के माध्यम से फिल्मी दुनिया भी अछूती नहीं है।  आज बारिश पर आधारित कुछ यादगार लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर चर्चा करेगे।

     भारतीय फिल्मों में बरसात पर आधारित गीत सन् 1955 में राज कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म श्री 420 के गीत प्यार हुआ  इकरार हुआ जो राजकपुर एव नर्गिस पर फिल्माया गया है। इसमें मखमली स्वर- लता मंगेशकर एंव मुकेश का है। बोल शैलेन्द्र के हैं और शंकर जयकिशन ने संगीत से सजाया है। इसके ठीक 3 साल बाद आई फिल्म चलती का नाम गाड़ी से है- जिसमें बारिश पर गीत- एक लड़की भींगी भागी सी,इसमें अभिनय एव स्वर किशोर दा तथा मधुबाला ने रेनु की भूमिका में रेन (बारिश) को पर्दे पर जीवंत साकार की है। गीत  मजरुह सुलतानपुरी का और  संगीत ए.डी. बर्मन ने दिया है।   अगला गीत 1979 में आयी फिल्म मंजिल से- जिसमें बारिस पर गीत- रिमझिम गिरे सावन सुगल -सुलग जाये मेरा मन है,इसमें अभिनय अमिताभ बच्चन एवं मौसमी चटर्जी ने अजय चड़डा एवं अरुणा खोसला  की भूमिका में बारिश की बूँदो को पर्दे पर साकार किया है। गीत योगेश का , स्वर किशोर दा और  संगीत पंचम दा ने दिया है   आज रपट जायें तो हमें ना..... फिल्म नमक हलाल से है जो 1982 में प्रकाश मेहरा  के निर्देशन में आई थी । इसमें अभिनय अमिताभ बच्चन एवं स्मिता पाटिल ने किया है  एव गीत अंजान का है और  संगीत  बप्पी लहरी ने दिया है।   राकेश रौशन के निर्देशन में 2003 में  आई  फिल्म कोई मिल गया  से है -इधर चला मैं उधर चला .....  ,इसमें अभिनय रितीक रौशन एवं प्रिति जिंटा ने किया है जिसमें स्वर अलका याज्ञनिक एव उदित नरायण का है। गीत देव कोहली ने लिखा है और  संगीत  राजेश रौशन  ने दिया है। 2003 की सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्मों में से एक जो विज्ञान विषय पर आधारित है। इसमें रेखा ने भी अहम रोल निभाया है।   मनोज कुमार के निर्देशन व  अभिनय से सराबोर  1974 में आयी फिल्म रोटी कपड़ा और मकान से गीत हाय-हाय रे मजबूरी....... यह गीत अपने जमाने में  लोकप्रियता के सारे रिकार्ड तोड़ दिये थे, जिसमें स्वर लता मंगेशकर ने दिया है वही गीत वर्मा मलिक का और  संगीत  लक्ष्मी कांत प्यारे लाल ने दिया है।  आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में 1995 में आई फिल्म दिल वाले दुलहनिया ले जायेंगे से -मेरे ख्वाबों में जो आये....  ,इसमें अभिनय काजोल एवं  शाहरुख खान ने किया है जिसमें स्वर लता मंगेशकर ने दिया है। गीत आनंद बख्शी ने लिखा है और  संगीत से जतिन ललित  ने संवारा है। अगला गीत फिल्म  गुरु से है जो 2007  में तेलगु फिल्म गुर मंत्र का हिदी रिमेक है यह फिल्म तमिल में भी मणि रत्नम  के निर्देशन में आई थी । गाने के बोल है- बरसों रे मेघा....  ,इसमें अभिनय एश्वर्या राय एवं अभिषेक बच्चन ने किया है जिसमें स्वर श्रेया घोषाल ने दिया है। गीत गुलजार का है और संगीत ए.आर.रहमान का है।  राजीव राय के निर्देशन में 1994 में आई फिल्म मोहरा से है- टिप-टिप बरसे पानी....  ,इसमें अभिनय रविना टंडन एवं अक्षय कुमार ने किया है जिसमें स्वर अलका याज्ञनिक एवं उदित नरायण ने दिया है। गीत आनंद बक्शी का और  संगीत  विजू शाह ने दिया है। अगल गीत  फिल्म संग्राम से है जो 1993  में लाँरेंस डिसूजा के निर्देशन में आई थी । गाने के बोल है- भिगी हुई है रात मगर जल रहे हैं हम....  ,इसमें अभिनय आयशा जुल्का एवं अजय देवगन ने किया है जिसमें स्वर कविता कृष्णमूर्ति व कुमार सानू ने दिया है। गीत समीर का और  संगीत  नदीम श्रवण  का है। सचमुच बिरिश के मौसम में भीगें बदन भी प्रियतम की चाह में जलने लगती है।



   अब भारतीय सिनेमा का स्वरुप बदला है और परंपरिकता के स्थान पर आधुनिकता ने जगह ले लिया है पहले जहां संगीत विना कंप्युटर के बनाये जाते थे तो गीतो के बोल एवं संगीत कर्णप्रिय होते थे पर आज इसका स्थान कंप्यूटर ने ले लिया जिसमें संगीत की मौलिकता खत्म होते जा रही है और पश्चात्य संगीत का चलन बढ़ते जा रहा है। इसलिए अब फिल्मों में बारिश पर आधारित गीतों को बहुत कम स्थान मिलने लगा है। आशा है आने वाले दिनों में बरसात पर आधारित गीत देखने को मिलेंगे।नायक और नायिका बारिश की बूँदो के साथ प्रेम का पहाड़ा पढ़ते अवस्य नजर आयेंगे।



 

लेखक- वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार है।

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें