सोमवार, 29 अक्टूबर 2018

वाल्मीकि जयंती खुशबू विकास सहयोगी समिति की ओर से मनाई गई नई


वाल्मीकि जयंती खुशबू विकास सहयोगी समिति की ओर से मनाई गई






नई दिल्ली। संस्कृत के आदी कवि महार्षि बाल्मीकि की जंयती बदरपुर में खुशबू विकास सहयोगी समिति की ओर से मनाई गई। जिसके मुख्य अतिथि बदरपुर के विधायक पं. नरायण दत शर्मा थे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रुप मे समाजसेवी एवं पत्रकार लाल बिहारी लाल ने अपने वक्तब्य मे कहा कि ज्ञान एवं कर्म के दम पर मानव महान बनता है। इसका जीता जागता उदाहरण डाकू रत्नाकर से महर्षि बने वाल्मीकि जी है। इनके पद चिन्हों पर चलना कठिन है पर नामुमकिन नहीं।  मानव कल्याण के लिए महर्षियों का जीवन अनुकरणीय है। इन्होनें संस्कृत में ऐतिहासिक ग्रंथ रमायण की रचना की जो आदि काब्य ग्रंथ है औऱ मर्यादा पुरुषोतम राम को मर्यादा पुरुष के रुप में भारत के घर घर में पहुँचा दिया। वही मुख्य अतिथि पं.नरायण दत शर्मा ने कहा कि आदमी जन्म कही भी ले पर अपने कर्म एवं हठ के दम पर महान बनता है। जो बालमीकि जी ने किया। खुशबू विकास सहयोग समिति के अध्यक्ष राकेश कोहली ने वाल्मिकि जी के बारे में बताया कि जो राम का उच्चारण भी ठीक से नही कर पाते थे वे कर्म एवं लगन से आदि कवि बन गये औऱ कालजयी ग्रंथ रमायण की रचना कर डाली। कवि के रुप में नानक चंद जी एवं गिरीराज गिरीश जी ने भी अपनी-अपनी भूमिका का निर्वाहन बा-खूबी किया और बाल्मीकि जी पर रोचक एंव मर्मस्र्पर्शी कवितायें    सुनाई।समाजसेवी एवं एम.टी.एन.एल. के सदस्य गौरव बिंदल ने भी इनके पद चिन्हों पर चलने को कहा।  वही इस क्षेत्र के कई गन्य मान्य जिनमें- भीर भान सिंह, राधे श्याम जी,भाई लाल, प्रेम कुमार, श्रीमति रेखा,आशा यादव,सुनिती आर.एम. तिवारी तथा बदरपुर  महिला पंचायत टीम के महिला सहित सैकड़ो महिलाये मौयूद थी।
 


गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018

हिंदी भोजपुरी के सशक्त हस्ताक्षर –आरती आलोक वर्मा


हिंदी भोजपुरी के सशक्त हस्ताक्षर –आरती आलोक वर्मा
लाल बिहारी लाल

आरती आलोक वर्मा का जन्म  बिहार के बेतिया में एक मध्यम वर्गीय परिवार में 12 अक्टुबर 1971 को हुई पर  समाजिक सरोकार ने उन्हें साहित्यकार बना दिया।आज इनकी कर्म भूमी बिहार के ही सिवान है। कविता के बारे में इनका मानना है कि  कविता मेरी शक्ति है,इबादत है।  सीध साधे शब्दों में कहे तो  समाज से जब आहत होती है तो  संवेदनायें क्षतविक्षत होती है तो कविता उनका उपचार करती है।  यह स्वतःस्फूर्त है। उम्मीद औऱ आशा का पर्याय है। बचपन से इन्हें पढ़ने का शौक रहा है। इनकी काब्य अभिब्यक्ति बहुत ही मधुर है।इनकी आवाज कोयल-सी मीठी है। इनेक गले और दिमाग दोनों में माँ शारदे साक्षात वास करती है। इनके परिवार में कोई साहित्यकार नहीं था यूं कहे कि दूर-दूर तक कोई लेखक नहीं था  परन्तु नब्बे को दशक में  दूरदर्शन के राष्ट्रीय  चैनल पर अक्सर  होली या विषेष उत्सव के अवसर पर देर रात तक मुशायरा  और कवि सम्मेलन होता था जो इनके पिता जी  देखा करते थे। साथ-साथ ये भी देखती और सुनती थी। उसके उपरान्त  इन्होनें वैसा ही कहने  की ख्वाहिश मन में पालने लगी और उस सोंच को कलमबद्ध करने लगी औऱ धीरे- धीरे हाथ में कलम पकड़ ली।  जो आज तक जारी है।   इन्हें लिखने की प्रेरणा इनके बड़े बाई से मिलता है। इनकी ज्यादातर रचनायें महिला  एवं  समाजिक परिस्थिति  जन कुरीतियों  पर चलती है।  इनकी रचनायें   पद्य एवं गद्य दोनों में समान रुप से  देश के विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में -दैनिक हिन्दुस्तान ,दैनिक भाष्कर, हमारा मैट्रो (दिल्ली),यूग केसरी ,कनाडा ,नेपाल   के अवावे आकासवाणी ,शोसल साइट्स  ,यू ट्यूब, आखर ,भोजपुरी संगम ,हैलो भोजपुरी ,साहित्य सरिता आदि में अनवरत प्रकाशित होते रहती है।इनके  उज्जवल भविष्य की कामना वूमेन एक्सप्रेस  परिवार करता है।

लेखनी के लाल - लाल बिहारी लाल


 हिंदी और भोजपुरी  के सिपाही  - लाल बिहारी लाल
नीरज पाण्डेय

श्री लाल बिहारी लाल  का जन्म बिहार के छपरा जिला में 10 अक्टूबर 1974 को हुआ था श्री लाल  साहित्य, पत्रकारिता एवं समाज सेवा के अजब मिसाल हैं। आज जहां कुछ लोग समाज सेवा का चोला ओढ़ कर दुनिया की नज़रों  में धूल झोंकने मे लगे हैं वहीं कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं जो निस्वार्थ भाव से देश और समाज की सेवा में लगे हैं। जिनका एक मात्र उद्देश्य समाज हित है। समाज के लिए कुछ करने का इनका जुनून इस हद तक बढ़ जाता है कि वह अपनी जीवका का साधन जुटाने के बजाय समाज और देश हित के प्रति समर्पित हो जाते हैं।ऐसे ही समाज सेवीकवि और लेखक लाल विहारी लाल जिन्होंने अपनी सादगी और समाज के प्रति सेवाभाव के अजब मिसाल कायम की है। इनके कई गीत विभिन्न संगीत कंपनियों से भी निकल चुके है।
   लाल बिहारी लाल समय समय पर सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक करते रहते हैं। श्री लाल समाज सेवा के अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए भी विभिन्न कार्यक्रम और काव्य संगोष्ठी आयोजित कर  पर्यावरण संरक्षण के प्रति समाज मे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे है। वन बचाओ पेड़ लगाओ जल ही जीवन है के तहत इनका मानना है कि जल है तो कल है एवं स्वच्छ रहो स्वास्थ्य रहो आदि स्लोगन से लोगों को जागरूक करते रहते है।  विभन्न पत्र- पत्रकाओं में लेखों के माध्यम से भी स्वच्छतापर्यावरण,जल ही जीवन है  तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,नदियों की सफाई तथा जल संरक्षण आदि की झलक इनकी लेखन में देखने को मिलती है।
    लाल जी ने बदरपुर क्षेत्र मे विकास कार्यों को लेकर भी काफी संघर्ष किया है चाहे वह यातायात की समस्या हो या सड़कों पर गड्ढों की या बारिश के दिनों मे जल भराव की समस्या हो निरंतर अपनी लेखनी के माध्यम से या प्रत्यक्ष रूप से अधिकारियों से मिलकर लोगों की समस्यों को दूर करने मे दिन रात लगे रहते हैं। लाल बिहारी लाल जी की रचनाएं(क्रांति कविता) आज भी नालंदा विश्विद्यालय के एम.ए. के अलावा बिहार विश्व विद्यालय के बी.ए. में पढ़ाई जा रही हैं।
   44 वर्षीय लाल विहारी लाल जी स्वयं तो पिछले कई वर्षों से समाज कार्य में जुटे ही हैं साथ ही उनकी पत्नी एवं बच्चें भी इनके सामाजिक कार्यों में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। बदरपुर क्षेत्र में लोगों को अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था जैसे राशन कार्ड आधार कार्ड या अन्य सरकारी कामों के लिए या तो लोगों को कार्यालय जाना पड़ता था या फिर स्थानीय नेताओं से मदद की गुहार लगानी पड़ती थी । इससे छुटकारा दिलाने के लिए उन्होंने बदरपुर दिग्दर्शिका तैयार की है जो 2017 के बाद 2018 में भी निकाला है।। इस दिग्दर्शिका में क्षेत्र से संबंधित अधिकतर कार्यालय व अधिकारियों के टेलीफोन नंबर व उनकी ई मेल आईडी भी उपलब्ध कराई है, जिससे लोगों को  कार्यालय के अनावश्यक चक्कर ना लगाने पड़ें और घऱ बैठे ही समस्या का समाधान हो सके।
   लाल बिहारी लाल जी द्वारा संचालित संस्था लाल कला मंच पूर्वांचल वासियों के लिए छठ पर्व पर लोक संगीत और भजन आधारित विशेष कार्यक्रम भी आयोजित करती है। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित करके उनका मार्ग दर्शन भी करते रहते हैं। ट्रू टाइम्स  परिवार की ओऱ से लाल बिहारी लाल जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें इस  आशा के साथ कि वह इसी तरह समाज एवं साहित्य की अनवरत सेवा करते रहेगे।