मंगलवार, 30 जनवरी 2018
गीतकार- लाल बिहारी लाल
स्त्री स्वर-
सांवरिया आ जइतs एक बार
अंखियाँ कब से राह निहारे,नैना तड़से हमार
सांवरिया आ जइतS एक बार....
पानी बिन मछरी के जइसे, तड़पी रोज पिया
तोहरे याद मे बेसुध होके, भटकी रोज पिया
दिने-दिन प्यास बढ़त बा ,लागे ना जीया हमार
सांवरिया आ जइतS एक बार....
भूल भइल का हमसे राजा ,आके दS तू बता
कवना बात केS ऐ तू राजा, देत बारS सजा
प्रीत के रीत में दर–दर भटकी,सुन ल हमरो गुहार
सांवरिया आ जइतS एक बार....
आके पूरा जा लाल के लालसा कहेले लाल बिहारी
अब ना अइसे काम चलीS, बुझS तू हमरो लाचारी
तड़प-तड़प दिन रात बीतेला,कब होई मिलन हमार
सांवरिया आ जइतS एक बार....
तोहरे प्यार में तड़पी धनिया,मानवा बेS करार
बार-बार ई हे हम सोंची. कब होई मिलन हमार
ये धनिया आइब एहS ऐतवार,ये धनिया आइब एहS ऐतवार,
सांवरिया आ जइतS एक बार....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें