मंगलवार, 30 जनवरी 2018

भोजपुरी गीत- सांवरिया



 

गीतकार- लाल बिहारी लाल

 

स्त्री स्वर-

 

सांवरिया आ जइतs एक बार

अंखियाँ कब से राह निहारे,नैना तड़से हमार

सांवरिया आ जइतS एक बार....

 

पानी बिन मछरी के जइसे, तड़पी रोज पिया

तोहरे याद मे बेसुध होके, भटकी रोज पिया

दिने-दिन प्यास बढ़त बा ,लागे ना जीया हमार

सांवरिया आ जइतS एक बार....

 

 

भूल भइल का हमसे राजा ,आके दS तू बता

कवना बात केS ऐ तू राजा, देत बारS सजा

प्रीत के रीत में दर–दर भटकी,सुन ल हमरो गुहार

सांवरिया आ जइतS एक बार....

 

आके पूरा जा लाल के लालसा कहेले लाल बिहारी

अब ना अइसे काम चलीS, बुझS तू हमरो लाचारी

तड़प-तड़प दिन रात बीतेला,कब होई मिलन हमार

सांवरिया आ जइतS एक बार....

 


पुरुष स्वर-

तोहरे प्यार में तड़पी धनिया,मानवा बेकरार

बार-बार ई हे हम सोंची. कब होई मिलन हमार

ये धनिया आइब एहS ऐतवार,ये धनिया आइब एहS ऐतवार,

 

सांवरिया आ जइतS एक बार.... सांवरिया आ जइतS एक बार....

 

 

बदरपुर, नई दिल्ली-44

फोन-7042663073

गुरुवार, 4 जनवरी 2018

लेखिका नीलू नीलपरी "एम्पावर्ड वूमेन अवार्ड" से सम्मानित

लेखिका नीलू नीलपरी "एम्पावर्ड वूमेन अवार्ड" से सम्मानित

लाल बिहारी लाल


नई दिल्ली। दिल्ली की लेखिका नीलू नीलपरी को प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति करनाल द्वारा "एम्पावर्ड वूमेन अवार्ड" से सम्मानित किया गया। शक्ति पुंज नारी, जो खुद मोमबत्ती सी जलकर भी नारी उत्थान में निरंतर कार्यरत है। नारी जो कैंसर और टीबी को पछाड़, अय्याश पति की शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना में तपकर, चक्रव्यूह से निकलकर खुद को ही सशक्त नहीं करती, बल्कि आसपास की लड़कियों, महिलाओं के लिए सशक्तिकरण के मार्ग प्रशस्त करती है। 
 दिल्ली की व्यख्याता, मनोवैज्ञानिक, कवियत्री, लेखिका, संपादिका, समाज सेविका नीलू नीलपरी एक ऐसी ही सशक्त नारी हैं, जिन्हें राष्ट्र स्तरीय "एम्पावर्ड वूमेन अवार्ड" से सम्मानित किया गया गया। छात्रों, बुज़ुर्गों, निम्न वर्ग की महिलाओं की समस्याओं का कॉउंसलिंग से निदान, निर्धन-मेधावी छात्राओं की उच्चशिक्षा/ प्रोफेशनल ट्रेनिंग व ट्रेनिंग के बाद स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता (बतौर मनोवैज्ञानिक और समाजसेविका), स्त्री विमर्श नाटकों का लेखन-मंचन, कविता, कहानी के माध्यम से समाज का सच्चा दर्पण और समस्याओं का निदान के लिए लगातार प्रयासरत रहती है। पिछले दिनों इनकी कविताओं का एकल  संग्रह "नीले अक्स" आया है औऱ बहुत जल्द लघुकथा संग्रह "नील उजास" आने वाला है। हाल ही नीलू नीलपरी को इनकी समाजिक एंव साहित्यिक उपलब्धियों के लिए इन्हें मुम्बई में 28 दिसम्बर 2017 को "टॉप 50 इंडियन आइकॉन अवार्ड" से भी सम्मानित किया गया है। इन्हें प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फुले जी की जयंती पर राष्ट्रस्तरीय संगठन प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति,करनाल के द्वारा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र अरोड़ा जी द्वारा एक सम्मान समारोह में  3 जनवरी 2018 को करनाल में सम्मानित किया गया जिसमें देश के विभिन्न राज्यों की चुनिंदा 100 सशक्त नारियों को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। आशा है नीलू यूं ही नव वर्ष में भी समाजिक एवं साहित्यिक क्षेत्रों मे अनवरत सक्रिय रहेगी।  


मंगलवार, 2 जनवरी 2018

चित्रकार गब्बर "जनपद गौरव सम्मान" से सम्मानित

चित्रकार गब्बर "जनपद गौरव सम्मान" से सम्मानित

(डीजीपी सूर्य कुमार शुक्ला ने किया चित्रकार गब्बर को सम्मानित)
  
लाल बिहारी लाल

नई दिल्ली । आज कल अपनी कू्ची से कैनवास पर रंग भरके व चावल से विभिन्न प्रकार की कलाकृति बनाकर सबके दिलों पर जगह बनाने वाले चित्रकार को नव वर्ष पर रायवरेली जिले मे आयोजित कार्यक्रम मे विभिन्न क्षेत्र की तमाम हस्तियों सहित सम्मानित किया गया ।  क्षेत्र के चांदा गॉव निवासी चित्रकार गब्बर को जिले मे सदभाव संगम 2018 के तत्वाधान मे आयोजित कार्यक्रम मे "जनपद गौरव सम्मान" से नवाजा गया । यह जनपद गौरव सम्मान उन्हे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डी.जी.पी होमगार्ड उ.प्र सूर्य कुमार शुक्लाप्रभात रंजनडॉ रहीस सिंहव कार्यक्रम के आयोजक धीरज श्रीवास्तव ने प्रदान किया । सम्मान उन्हे कला के क्षेत्र मे किए जा रहे सराहनीय कार्यों व इतनी कम उम्र मे लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड मे नाम दर्ज कराकर जनपद का नाम रोशन करने के लिए दिया गया है ।
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चित्रकार गब्बर ने डीजीपी को भेंट की स्केचजमकर हुई तारिफ
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 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी होमगार्ड उ.प्र सूर्य कुमार शुक्ला को चित्रकार गब्बर सिंह ने अपनी बनाई एक स्केच भेंट की । जिसे देखकर डीजीपी सहित मंच पर उपस्थित लोगों व कार्यक्रम मे आये तमाम लोगों खूब ने मुक्त कंठ से चित्रकार की खूब प्रसंसा की । इसी दौरान ही कार्यक्रम के आयोजक धीरज श्रीवास्तव को भी उनका एक स्केच भी भेंट किया ।