गीतकार- लाल
बिहारी लाल
दिल्ली
की हवा खराब हुई,दिल्ली की हवा खराब
पी.एम.,सी.एम
सब हांफे ,जनता का हाल खराब
दिल्ली
की हवा खराब हुई,दिल्ली.....
कभी
थी हरियाली फैली दिल्ली के चारो ओर
अब कंक्रीट
फैल गया है संग में धुंआ औ शोर
शासन
और राशन के आगे,जनता हुई बर्बाद
दिल्ली
की हवा खराब हुई,दिल्ली.....
सड़को
पे गाड़ी का देखों उमड़ा है खूब सैलाब
चूहा
बिल्ली के खेल में देखो,नेता हुए नबाब
निश
दिन आबादी यहां पर और हुई आबाद
दिल्ली
की हवा खराब हुई,दिल्ली.....
कल
कारखाने खुल रहें अब देखो गली-गली
इसके
असर से दुखी है नानक संग राम अली
न
जाने दिन कैसे कटे औऱ कैसे हो गई शाम
दिल्ली
की हवा खराब हुई,दिल्ली.....
धरा
बचा लो देश बचा लो औऱ बचा लो दिल्ली
पेड़
लगा लो “लाल” बचा लो और बचा लो लिली
नदियाँ सारी सुख रही और सुख रहे तालाब
दिल्ली
की हवा खराब हुई,दिल्ली.....
सचिव –लाल
कला मंच, नई दिल्ली
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