1 मई अन्त. मजदूर
दिवस पर
लाल बिहारी लाल के कुछ दोहे
दुनिया के हर काम
को,देते सदा अंजाम।
चाहे कोई कुछ कहे,
लेते नहीं विराम ।1।
इनके ही सम्मान
की बाते करते लोग।
इनके नहीं नसीब
में,जीवन को ले भोग।2।
कहीं तोड़े पत्थर
तो, कही तोड़ते हार।
लाल तरस नही
खाये,अजब गजब ब्यवहार।3)
पल-पल करते चाकरी
,रोटी खातिर रोज।
लाल जाने कब आये,जीवन में सुख भोग।4।
मजदूरों के जोग से दुनिया
बनी महान।
चाहे बात विनाश की
या हो फिर निर्माण।5।
वरिष्ठ
साहित्यकार,नई दिल्ल-44
lalkalamunch@rediffmail.com
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