मनोज कामदेव की पुस्तक "देवभूमि उतराखण्ड का
लोकार्पण"
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली ,साहित्यकार एवं कवि मनोज कामदेव की पुस्तक
"देवभूमि उतराखण्ड का लोकार्पण" हिंदी भवन, नई दिल्ली में आगमन साहित्यिक संस्था द्वारा
आयोजित किया गया ! जिसमें अतिविशिष्ट अतिथि डॉ. हरीश अरोड़ा एवं विशिष्ट अतिथि
आर.सी.जोशी,पवन जैन एवं पंजाब केसरी -के न्यूज एडिटर-
सूर्यप्रकाश सेमवाल और ट्रू मीडिया के संपादक
ओम प्रकाश प्रजापति रहे ! कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गीतकार, ग़ज़लकार, अभिनेता-निर्देशक डॉ अशोक मधुप रहे ! कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने माँ
सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर पुस्तक "देवभूमि उतराखण्ड का
लोकार्पण" किया !
कवियत्री मनीषा जोशी ने अपने मधुर
स्वर में सरस्वती वंदना कर आयोजन का शुभारम्भ किया मंच सञ्चालन डॉ स्वीट अंजेल नें
किया ! मनोज कामदेव ने अपने वक्तव्य में श्रोताओं को बताया की उनके द्वारा लिखी
पुस्तक "देवभूमि उत्तराखण्ड "उन्होंने में समस्त उत्तराखण्ड का इतिहास ,संस्कृति ,प्राकृतिक धरोहर ,सामजिक रीति रिवाज आर्थिक व् भौगोलिक दर्शन को
जन मानस तक पहुचाने का प्रयास किया है ! उत्तराखण्ड मुख्यतः दो भागों में बंटा हुआ
है पहला भाग मानस खण्ड(वर्तमान कुमाऊँ) और दूसरा भाग केदारखण्ड (वर्तमान गढ़वाल )
इन दोनों भागों का वर्णन इस पुस्तक में बताने का प्रयास किया है ! विशिष्ट अतिथियों में आर.सी.जोशी ने मनोज
कामदेव को उनकी पुस्तक के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखण्ड के जन जीवन
को वहां कैसे जिया जाता है और किस तरह से पहाड़ खिसक जाने पर उन्हें कितनी तकलीफों
का सामना करना पड़ता है संक्षेप में सांझा किया ! डॉ. हरीश अरोड़ा ने अपने कालेज के
विद्ध्यार्थियों के साथ उत्तराखण्ड की यात्राओं का जिक्र किया साथ अपने कालेज के
समय की लिखी एक सुदर रचना भी सुनाई !इसी कड़ी में सूर्यप्रकाश सेमवाल एवं डॉ. पवन
जैन और ओम प्रकाश प्रजापति ने मनोज कामदेव को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी ! इस अवसर
पर मनोज कामदेव की जीवन संगिनी चंद्रा शर्मा ने भी मनोज कामदेव को इस उपलब्धि के
लिए शुभकामनाएं दी !
लोकार्पण एवं काव्य गोष्ठी के सुअवसर पर सभी कवियों ने अपना सुन्दर काव्य पाठ
किया जिनमे अजय अज्ञात ,इन्द्रजीत सुकुमार,अनिमेष शर्मा कवियत्री स्वदेश चरौरा , सुनील शर्मा,बिहार के समस्तीपुर से पधारे अतुल
प्रभाकर ,हरदा रावत ,समोद सिंह चरौरा, डॉ. पूनम माटिया आदि सहित दर्जनों कवि एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित
थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें