रविवार, 30 अप्रैल 2017

मजदूर दिवस पर लाल बिहारी लाल के कुछ दोहे


1 मई अन्त. मजदूर दिवस पर
 





 लाल बिहारी लाल के कुछ दोहे


दुनिया के हर काम को,देते सदा अंजाम।
चाहे कोई कुछ कहे, लेते नहीं विराम ।1।

इनके ही सम्मान की  बाते करते लोग।
इनके नहीं नसीब में,जीवन को ले भोग।2।

कहीं तोड़े पत्थर तो, कही तोड़ते हार।
लाल तरस नही खाये,अजब गजब ब्यवहार।3)

पल-पल करते चाकरी ,रोटी खातिर रोज।
लाल जाने कब आये,जीवन में सुख भोग।4।

मजदूरों के जोग से दुनिया बनी महान।
चाहे बात विनाश की या हो फिर निर्माण।5।

वरिष्ठ साहित्यकार,नई दिल्ल-44
lalkalamunch@rediffmail.com


बुधवार, 26 अप्रैल 2017

भोजपुरी ब्यंग्य गीत-आइल राजनीति में देखी अजब बहार

टटका भोजपुरी  ब्यंग्य गीत (चुनाव परिणाम पर)
आइल राजनीति में देखी अजब बहार


लाल बिहारी लाल

काम करी चाहे ना करी,तबहुँ बनी सरकार
आइल राजनीति में देखीं अजब बहार

काम के सपना देखा- देखा के
भष्टाचार के निमन घुट्टी पिला के
कोसी विरोधी के हम रोज बार-बार
आइल राजनीति में देखीं अजब बहार

अच्छा दिन आई, तनी करी इंतजार
करब परोसी के, सिर हम कलम हजार
उल्ट-पुल्ट के देहब, नेता हम बार-बार
आइल राजनीति में देखीं अजब बहार

सीमा पर देख करब ना कुछूओं खास
कतनों विरोधी करिहे रोज-रोज बकवास
परे ना देहब हम कुरसी में कवनों दरार
आइल राजनीति में देखीं अजब बहार

लाल बिहारी लाल बन जइहें अब गंवार
काम-धाम के के पूछता दौड़ता सरकार
अपना में दम नइखे त लेहम आउर उधार
आइल राजनीति में देखीं अजब बहार

सचिव-लाल कला मंच,नई दिल्ली-44

lalkalamunch@rediffmail.com

गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

लाल बिहारी लाल के अनमोल विचार

लाल बिहारी लाल के अनमोल विचार

संस्कार भारती के मंच पर गूंजा "रोज रोज काका टहल ओरियइहें"

संस्कार भारती के मंच पर गूंजा "रोज रोज काका टहल ओरियइहें" 
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। सरस्वती विद्या मंदिर नेहरू नगर मे संस्कार भारती शास्त्री नगर इकाई, गाजियाबाद द्वारा आहूत साहित्य संगोष्ठी भोजपुरी साहित्य मनीषी डॉ अशोक द्विवेदी जी के सम्मान मे और डॉ वीणा मित्तल जिला अध्यक्ष संस्कार भारती की अध्यक्षता के साथ आदरणीय श्री मोहन द्विवेदी जी के सुसंगठित संचालन मे आयोजित हुई । संस्कार भारती की शास्त्री नगर इकाई ने मुख्य अतिथि डॉ अशोक द्विवेदी का माल्यार्पण ,सम्मान प्रतीक और अंग वस्त्र से सम्मान किया । साथ ही भोजपुरी पंचायत के अप्रैल अंक का लोकार्पण भी किया गया । संस्कार भारती की यह साहित्य संगोष्ठी कई मायने मे अद्वितीय रही । मुख्य अतिथि के सम्मान मे नन्द ग्राम इकाई के बच्चों द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया । आज इस गोष्ठी मे जिसका विषय "किसान" था , उस पर सभी कवियों ने अपनी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की । आज गोष्ठी मे हिन्दी , भोजपुरी और ब्रज भाषा की त्रिवेणी का अद्भुत संगम अविस्मरणीय रहा । आज गोष्ठी की शुरुवात श्री गुरुविंदर सिंह गुरु की भोजपुरी कविता से प्रारम्भ हुआ , जिसको जयशंकर प्रसाद द्विवेदी ने  " छुंछा के बा के पुछवइया" से एक ऊँचाई तक पहुंचाया । गोष्ठी मे श्री विनोद पांडेय , डॉ राजीव पांडेय , डॉ जयप्रकाश मिश्र , श्री अशोक श्रीवास्तव , श्री एम के चतुर्वेदी "मकरंद",  भूपेंद्र त्यागी "मित्र" , श्री राजेन्द्र प्रसाद बंसल , श्री ब्रज नन्दन पचौरी , श्री राम स्वरूप भास्कर ,श्री सुनील सिन्हा , श्री बी एस शर्मा "बशिष्ठ" , श्रीमति तूलिका सेठ सहित सभी कवियों ने कार्यक्रम को नई ऊँचाई दी । अंत मे डॉ अशोक द्विवेदी की भोजपुरी गीत "रोज रोज काका टहल ओरियइहें" के साथ कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ । धन्यवाद ज्ञापन श्री मोहन द्विवेदी जी ने किया । 


  

रविवार, 16 अप्रैल 2017

मनोज कामदेव की पुस्तक "देवभूमि उतराखण्ड का लोकार्पण"

मनोज कामदेव की पुस्तक "देवभूमि उतराखण्ड का लोकार्पण"  
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली ,साहित्यकार एवं कवि मनोज कामदेव की पुस्तक "देवभूमि उतराखण्ड का लोकार्पण"  हिंदी भवन, नई दिल्ली में आगमन साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित किया गया ! जिसमें अतिविशिष्ट अतिथि डॉ. हरीश अरोड़ा एवं विशिष्ट अतिथि आर.सी.जोशी,पवन जैन एवं पंजाब केसरी -के न्यूज एडिटर- सूर्यप्रकाश सेमवाल और ट्रू मीडिया के  संपादक ओम प्रकाश प्रजापति रहे ! कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गीतकार, ग़ज़लकार, अभिनेता-निर्देशक डॉ अशोक मधुप रहे ! कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर पुस्तक "देवभूमि उतराखण्ड का लोकार्पण" किया !
     कवियत्री मनीषा जोशी ने अपने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना कर आयोजन का शुभारम्भ किया मंच सञ्चालन डॉ स्वीट अंजेल नें किया ! मनोज कामदेव ने अपने वक्तव्य में श्रोताओं को बताया की उनके द्वारा लिखी पुस्तक "देवभूमि उत्तराखण्ड "उन्होंने में समस्त उत्तराखण्ड का इतिहास ,संस्कृति ,प्राकृतिक धरोहर ,सामजिक रीति रिवाज आर्थिक व् भौगोलिक दर्शन को जन मानस तक पहुचाने का प्रयास किया है ! उत्तराखण्ड मुख्यतः दो भागों में बंटा हुआ है पहला भाग मानस खण्ड(वर्तमान कुमाऊँ) और दूसरा भाग केदारखण्ड (वर्तमान गढ़वाल ) इन दोनों भागों का वर्णन इस पुस्तक में बताने का प्रयास किया है ! विशिष्ट अतिथियों में आर.सी.जोशी ने मनोज कामदेव को उनकी पुस्तक के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखण्ड के जन जीवन को वहां कैसे जिया जाता है और किस तरह से पहाड़ खिसक जाने पर उन्हें कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है संक्षेप में सांझा किया ! डॉ. हरीश अरोड़ा ने अपने कालेज के विद्ध्यार्थियों के साथ उत्तराखण्ड की यात्राओं का जिक्र किया साथ अपने कालेज के समय की लिखी एक सुदर रचना भी सुनाई !इसी कड़ी में सूर्यप्रकाश सेमवाल एवं डॉ. पवन जैन और ओम प्रकाश प्रजापति ने मनोज कामदेव को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी ! इस अवसर पर मनोज कामदेव की जीवन संगिनी चंद्रा शर्मा ने भी मनोज कामदेव को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी !
लोकार्पण एवं काव्य गोष्ठी के सुअवसर पर सभी कवियों ने अपना सुन्दर काव्य पाठ किया जिनमे अजय अज्ञात ,इन्द्रजीत सुकुमार,अनिमेष शर्मा कवियत्री स्वदेश चरौरा , सुनील शर्मा,बिहार के समस्तीपुर से पधारे अतुल प्रभाकर ,हरदा रावत ,समोद सिंह चरौरा, डॉ. पूनम माटिया आदि  सहित दर्जनों कवि एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।




गुरुवार, 6 अप्रैल 2017

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर लाल बिहारी लाल के कुछ दोहे

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर
लाल बिहारी लाल के  कुछ दोहे



खान-पान की कमी से, रोज बिमारी होय।
खाना खाओं समय पर,रोग कभी ना होय।1।

रात को सोना जल्दी,सुबह करो ना देर।
वरना कोई रोग अब , लेगा तुमको घेर ।2।

हाथ खाने से पहले ,मुँह खाने के बाद।
निश-दिन धोना सीख लो,जीवन रहे अबाद।3।

मेहनत करना सीखों , रोग रहे तब दूर।
जीवन हो आनंदमय,काया सुख भरपूर।4।

रोना-धोना छोड़ के ,सीखों करना माफ।
रोग लालउसी दिन से ,हो जायेगा हाफ।5।

ब्यस्त रहो मस्त रहो,फटके ना तब रोग।
लालसंग-संग मिल के,जीवन को लो भोग।6।

परम साध संतोष है, सब साधों में खास।
लाल अमल कर देख लो, जीवन आये रास।7।

हरा साग सब्जी खाओं.,रहो सुखी दिन रात।
निश दिन रोग दूर रहे,लालमिले सौगात।8।

* सचिव-लाल कला मंच, नई दिल्ली

फोन-9868163073 या 7042663073