गीत- होली का रंग....
लाल बिहारी
लाल
होली का रंग बदरंग हो गया है
जमानें में सब कुछ तंग हो गया है
मलता है रंग कोई डालता गुलाल है
चारो ओर देखों हो रहा अब धमाल है
पहले का मौसम अब भंग हो गया है
होली का रंग.........
कही दौड़ विस्की का कहीं पर रम है
वर्षों का बैर याद आता हर दम है
मिलते हैं हाथ दिल तंग हो गया है
होली का रंग.........
नहीं भाईचारा रहा बचा नहीं प्यार है
चारो ओर देखो हो रहा तकरार है
जीवन का रंग बे-ढंग हो गया है
होली का रंग.........
होली को जानो मानो रहने दो होली
नफरत को छोड़ बोलो प्यार की बोली
लाल बिहारी का लाल अब रंग हो गया है
होली का रंग.........
सचिव- लाल कला
मंच,नई दिल्ली
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