रविवार, 8 नवंबर 2015

भोजपुरी कविता -फेंकुआ हार गइल-लाल बिहारी लाल

फेंकुआ हार गइल


*लाल बिहारी लाल

फेंकुआ हार गइल
जनता जीत गइल
झूठ वादा के पोल खुलल
तीर चलल ,लालटेन जलल
हाथ मुखर भइल...
फेंकुआ हार गइल
भाईचारा के बल मिलल
केतना के मुँह ताला जड़ल
महँगाई मार गइल.....
फेंकुआ हार गइल
बीत गइल दिन कई महिना
जन-जन को रोज चुए पसीना
बिहार जीत गइल....
फेंकुआ हार गइल
"लाल बिहारी" के एके सजा
झूठ के जनता मजा चखा
धन्य-धन्य बिहार भइल..
फेंकुआ हार गइल
*सचिव-लाल कला मंच,नई दिल्ली.

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