गीतकार- लाल बिहारी लाल
राखी के डोर में बहिना के प्यार बा
रहिह सलामत भईया, दुआ ई हमार बा
राखी को डोर भईया......
पापा के आंगन में, ममता के छईंया
हर एक जन्म में मिलिह, तू ही त भईया
तोहरे से जूड़ल सारा)2 नेहिया के तार बा
राखी को डोर भईया......
चाँन लेखा चम-चम चमक, छुअ तू आकाश के
भाई बहिन के रिश्ता, जीवन से सांस के
घन–धन विधाता तोहर)2 बाड़ा उपकार बा
राखी को डोर भईया......
राखी के बंधन भईया, होला ई अनमोल हो
दुनिया कहेला एकर, राख भईया मोल हो
भईया लाल बिहारी के)2 रिश्ता उपहार बा
राखी को डोर भईया......
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