गीत- आजादी का
जश्न मनायें
आजादी
का जस्न मनायें,
आओं
मिलकर हम और आप
इसे
अच्छून बनायें आज,
आओं
मिलकर हम और आप
आजादी
का जस्न मनायें.......,
कहीं
गोला कहीं बम चले थें
कितनो
के ही दम निकले थें
तब भागे अंग्रैज यहाँ से
देखों कर के बाप रे बाप
आजादी
का जस्न मनायें.......,
नियम-कानून सब ध्वस्त हो गये
जो
जागे थो वो भी सो गये
जनता
कर रही त्राहि-त्राहि
मुक्ति दिलाये गांधी सुभाष.
आजादी
का जस्न मनायें.......,
कहा
जा रहा देश सोंचे हम
लूट
खसोट को करे ध्वस्त हम
औरों
के लिए बोये न कांट,
महकाये गुलशन
में सुवास
आजादी
का जस्न मनायें.......,
कब तक
यू. खामोश रहेगे
दुश्मन
को भी कुछ न कहेगे
आओं
लाल संग बैरी भगाये
मिलकर
आज हम और आप
आजादी
का जस्न मनायें.......,
सचिव- लाल कला
मंच,नई दिल्ली।
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