मंगलवार, 26 मई 2015

अच्छे दिनों की आश में जनता हुई उदास

अच्छे दिनों की आश में जनता हुई उदास
 लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली । 2014 के लोक सभा चुनाव में मोदी ने जनता से 60 महिनें मांगे थे । उन 60 महिनों में से आज 12 महिने बीत गया पर काम कुछ धरातल पर नजर नहीँ आ रहा है। मोदी ने महँगाई , भ्रष्टाचार धारा 370 एवं काला धन जैसे प्रमुख मुद्दों के दम पर चुनाव लडा था और अप्रत्यासित जीत हासिल किया था। जनता ने जिस आशा एवं विश्वास के दम पर मोदी को अपना समझकर वोट दिया था उस पर अभी तक मोदी जी खरे नहीं उतरें है। मोदी जी अभी तक धारा 370 पर दो कदम भी नहीं चल पायें है।उल्टे पी.डी.पी. के साथ मिलकर जम्मू-काश्मीर में सरकार बनाकर मानो इसे ठंढे बस्ते में डाल दिया है ।और वहाँ की स्थिति फिर बिगडने लगी है। वही काला धन पर एस. आई. टी. का गठन तो हो गया है पर परिणाम ढाक के तीन पात रहा ।उल्टे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि ये चुनावी जुमलें थे।इससे साबित होता है कि मोदी सरकार जनता के प्रति कितना सजग है। भूमि अधिग्रहन बिल 2011 जो सन 2013 में भाजपा के सहयोग से ही संसद में पास हुआ था उसको ताक पर रखकर भूमि अधिग्रहण पर पिछले एक साल में  2 दफा अध्यादेश लाकर किसान विरोधी नीतियों के उजागर किया है जबकि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और गांवों में किसान। महँगाई के मुद्दें पर भी मोदी सरकार फेल है। भारत के आम जनता की सवारी  रेल है जिससे प्रतिदिन करोडो लोग यात्रायें करते है। इस रेल का भी 2-3 दफा किराया बढाया गया यह कह कर की सुविधायें बढायी जायेंगी पर अभी तक सुविधा कुछ नही बढा लेकिन किराया जरुर बढ गया। आज भारतीय रेल को दुरुस्त करने की जरुरत है पर मोदी जी बुलेट ट्रेन चलाने की सोंच रहे है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चें तेलों के दाम भी गत वर्ष की तुलना में लगभग प्रति बैरल आधा हो गया  है पर तेल की कीमत 4-5 रु. प्रतिलीटर ही कम हुआ है। उल्टे इस पर दो दफा एक्साइज ड्यूटी बढा दिया गया। जीवन यापन के लिये जरुरी समान रोटी कपडा और मकान सभी का दाम बढा है औऱ जनता का दम निकला है। चाहे आटा.दाल,चावल या खाद्य तेल हो या फिर सब्जी सभी ने पिछलें एक साल मे काफी रुलाया है। इसलिए अच्छे दिनो की आश में जनता हुई उदास है।
   मेक उन इंडिया के नाम पर करोडो रुपये देश में बहा दिये गये पर सही से अनुपालन नीति नही होने के कारण अभी तक इसका सकारात्मक परिणाम देखनें में  नही आया है। विपक्ष में जब भाजपा थी तो विदेशी निवेश का पूरजोर विरोध करती थी और आज मोदी जी पिछलें 10-12 महिनों में लगभग 19-20 देशों का भ्रमण निवेश के लिए किया है जिस पर करोडो रुपये खर्च हो चुके हैं पर निवेश के नाम पर अभी कुछ खास नहीं हुआ है। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाने से सरकार की साख कुछ गिरी है। अध्यादेश लाने के बजाये सरकार को सभी दलो को बैठाकर एक हल निकालना चाहिये था ताकि एक सकारात्मक माहौल देश में बनता जिससे निवेश को पंख लगता।  देश में सही माहौल नहीं बनने के कारण कुछ खास प्रगति नहीं हुई है। एक जमाना था जब सरकार का कामों को दर नागरिक जानता था पर आज सरकार ने एक साल में क्या क्या किया उसे खुद बताना पड रहा है। इससे सावित होता है कि सरकार कितना जनप्रिय है।अब ऐसा दिन आ गया है कि सरकार को प्रेस कांफ्रेस करके बताना पड रहा है कि हमने क्या-क्या किया है पर एक जमाने में सरकार जनहित के कामों से जानी जाती थी और जनता को भी पता रहता था कि सरकार ने उनके लिए कौन –कौन जन कल्याकारी योजनायें लाई है और क्या- क्या कर रही है।
 
     मोदी जी ने अभी तक 2-4 काम अच्छे भी किये है मसलन सरकारी कर्मचारियो को समय पर ड्यूटी आने की आदत डालना पर सभी केन्द्रीय दफ्तरों में कर्मचारियों की भारी कमी से सरकारी काम काज आज भी बाधित हो रहा है। दूसरें जन धन योजना के तहत करोडो खाते तो खुले है पर अभी इसका अन्तिम फायदा शायद ही किसी खाताधारक को मिला हो।तीसरें स्व प्रमाणित प्रति को मानने योग्य बनाया है जो पहले राजपत्रित कर्मचारी से प्रमाणित करवाना पडता था उसे हटाया है। देशवासियों के लिए तीन नई योजनायें पेंशन योजना ,जीवन बीमा एवं दुर्घटना बीमा लेकर आये है पर इसका सही उपयोग तो तभी हो सकेगा जिसका फायदा अधिक से अधिक लोग उठा सकें। शेष 48 अडतासीस महिनों (4 साल ) में मोदी जी अच्छे काम करते हैं तो जनता उन्हें सर माथे पर बैठायेगी वरना आगमी 2019 के लोक सभा चुनाव में धूल चटायेगी।

सचिव लाल कला मंच,बदरपुर,नई दिल्ली

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