बुधवार, 22 मई 2024

सी.पी.सी.बी. कर्मचारी कल्याण संघ के स्थापना दिवस पर पहुंचे लाल बिहारी लाल

 

सी.पी.सी.बी. कर्मचारी कल्याण संघ नें मनाया अपना 39 वाँ स्थापना दिवस
-
सोनू गुप्ता





नई दिल्ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी CPCB के कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा अपना 39 वां स्थापना दिवस CPCB के प्रशिक्षण कक्ष में मनाया गया। कर्मचारी कल्याण संघ के महासचिव श्री के॰पी॰ राठी एवं श्री बीरेन्द्र सिंह, संयुक्त सचिव द्वारा यूनियन के स्थापना दिवस पर कार्यालय में मजबूत यूनियन की महत्ता को रेखांकित करते हुये कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
कार्यक्रम में यूनियन की स्थापना से लेकर आज तक किये गये विभिन्न कल्याण कार्यों पर च्रर्चा हुई। इस संस्था के सभी कर्मचारी पेंशन के लिए काफी लंबे समय से संघर्षरत है। यूनियन के सभी सदस्यों द्वारा पेंशन मिलने तक यह लड़ाई जारी रखने एवं सी.पी.सी.बी. में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को योजनबद्ध तरीके से स्थायी कराने का संकल्प दोहराया। इस समारोह के मुख्य अतिथि यूनियन के संस्थापक सदस्य प्रताप सिंह शाही , यूनियन के भूतपूर्व महासचिव नरदेव सिंह तथा यूनियन के पूर्व अध्यक्ष विपिन कुमार गोयल ने कहा कि हम कर्मचारियों के हितो के लिए हर समय तत्पर है। वहीं NFCGA-EWO के अध्यक्ष घनश्याम चौहान, पर्यावरण, वन एंव जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के यूनियन के पदाधिकारी ओमवीर सिंह भाटी ने भी इस संस्था को हर संभव सहयोग करने कl आश्वासन दिया।
संघ के पूर्व पदाधिकारियों प्रताप सिंह शाही, नरदेव सिंह, विपिन कुमार गोयल, घनश्याम चौहान, ओमवीर सिंह भाटी, एवं कर्मचारी कल्याण संघ के मीडिया प्रभारी लाल बिहारी लाल का सीपीसीबी यूनियन के कामरेड साथियों विनोद कुमार (अध्यक्ष), के॰पी॰ राठी (महासचिव), बीरेन्द्र सिंह (संयुक्त सचिव), जी.एम. खान (संगठन सचिव), सतीश कुमार, कार्यालय सचिव, रविंद्र कुमार कोषाध्यक्ष, सुभाष चंद उप-कोषाध्यक्ष, महेश, ब्रिजेश, मुकेश कुमार एवं श्रीमति अंजु भारद्वाज कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा इन सभी को मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। इस प्रोग्राम की एंकरिंग सी.पी.सी.बी. के राजभाषा प्रभाग में कार्यरत श्रीमती पारूल राठी द्वारा की गई। अंत में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने सभी आगन्तुकों को हार्दिक धन्यवाद दिया। 

Top of Form

 

रविवार, 5 मई 2024

दिल्ली की फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

 

दिल्ली की फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड  

 


-लाल बिहारी लाल

 

नई  दिल्ली। जल संरक्षण के लिए समर्पित मुम्बई की विश्व विख्यात संस्था ड्रॉप डेड फ़ाउंडेशनने फ़िरदौस ख़ान को उनके पानी बचाने के लिए किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया है। संस्था ने उन्हें साल 2023-2024 के बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड से नवाज़ा है।

       ग़ौरतलब है कि सुप्रसिद्ध साहित्यकारचित्रकारकार्टूनिस्ट और पर्यावरणविद आबिद सुरती ने साल 2007 में मुम्बई में ड्रॉप डेड फ़ाउंडेशन की शुरुआत की थी। इसकी टैगलाइन है- सेव एवरी ड्रॉप ऑर ड्रॉप डेड। इसका मक़सद जल संरक्षण को बढ़ावा देना है। इस मुहिम को देश ही नहींबल्कि दुनियाभर में सराहा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र भी इसे तवज्जो दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के पूर्व कार्यकारी निदेशक एरिक सोल्हेम ने भी कई बार इसकी तारीफ़ की है।

       मार्च 2008 में फ़िल्म निर्माता शेखर कपूर जल संरक्षण पर फ़िल्म बना रहे थे। उन्होंने अपनी वेबसाइट पर इस मुहिम की ख़ूब तारीफ़ की थी। सुप्रसिद्ध अभिनेता शाहरुख़ ख़ान ने भी इसे सराहा है। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी जल संरक्षण की इस मुहिम की सराहना करते हुए इसकी टीम को मुबारकबाद दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुहिम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए इस पर वाटर वारियरनामक फ़िल्म बनवाई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी इससे बहुत मुतासिर हैं। उन्होंने आबिद सुरती साहब को दिल्ली बुलाया और उनके वॉटर मॉडल को अपने राज्य में लागू करने का फ़ैसला किया। देश की राजधानी दिल्ली भी जल संकट से जूझ रही है।

     फ़िरदौस ख़ान कहती हैं कि ज़मीन का दो तिहाई हिस्सा पानी से घिरा हुआ हैलेकिन इसमें से पीने लायक़ पानी बहुत कम यानी सिर्फ़ ढाई फ़ीसद है। इस पानी का भी दो तिहाई हिस्सा बर्फ़ के रूप में है। दुनियाभर में जितना पानी हैउसका महज़ 0.08 फ़ीसद हिस्सा ही इंसानों के लिए मुहैया है। इंसानों की ख़ामियों की वजह से ये पानी भी लगातार दूषित होता जा रहा है। कारख़ानों और नालों की गंदगी नदियों के पानी को ज़हरीला बना रही है। पहाड़ों में मुसलसल खनन होने और जंगलों को काटने की वजह से बारिश पर असर पड़ रहा है। जब हम पानी पैदा नहीं कर सकतेतो फिर हमें इसे बर्बाद करने का क्या हक़ है?  वे कहती हैं कि जो रब से मुहब्बत करता है, वह उसकी क़ुदरत के ज़र्रे-ज़र्रे से भी मुहब्बत करता है। और जिस चीज़ से मुहब्बत की जाती हैतो उसकी हिफ़ाज़त करना भी लाज़िमी हो जाता है। वैसे भी पानी की हर बूंद अनमोल है। पानी के बिना ज़िन्दगी का तसव्वुर भी नहीं किया जा सकता। हर जानदार चीज़ को पानी की ज़रूरत होती है। इसलिए पानी को फ़िज़ूल न बहायेंक्योंकि इससे कितने ही लोगों के गले तर हो सकते हैं।  वे बताती हैं कि हमारे देश की ज़्यादातर आबादी धार्मिक है। इसलिए जल संरक्षण का संदेश देने के लिए विभिन्न धर्मों के पोस्टर बनवाए गये हैं। हर धार्मिक स्थल पर रोज़ाना सैकड़ों से लेकर हज़ारों लोग आते हैं। वे इन संदेशों को बार-बार देखेंगे, तो इस पर विचार करेंगे और पानी बचाने पर ध्यान देंगे। मुम्बई के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर भी जल संरक्षण का संदेश छपे पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इस मुहिम को भरपूर जनसमर्थन मिल रहा है। आबिद सुरती साहब चाहते हैं कि ये मुहिम दुनिया के हर कोने तक पहुंचे। वे लोगों से अपील करती हैं कि वे इस मुहिम में बढ़ चढ़कर शिरकत करें, ताकि आने वाली पीढ़ियों को जल संकट से न जूझना पड़े।