मोदी के फरमान से जनता हो रही परेशान-
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली।सन 2014 में 16वीं लोक सभा के लिए चुनाव के समय भाजपा ने
काला धन को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। शासन में आने के बाद काला धन पर एक
जाँच टीम गठन भी किया था। दो साल से उपर होने के बाद आज तक कोई खास प्रगति नहीं
होते देख जनता में काफी आक्रोश बढ़ रही थी औऱ निकट भविष्य में पाँच राज्यों में
चुनाव होना है। इसलिए जनता को शांत कराने एवं वोटरों को लुभाने के उदेश्य से मोदी सरकार ने बिना तैयारी के नोट बंदी का फरमान देशवासियों के लिए
जारी कर दिया जिससे देश की समस्त जनता काफी परेशान हो रही है।
लोगों दवारा वैध एंव
अबैध तरीके से कामाया गया धन जो कर(Tax) की बचत के लिए चलन से बाहर कर
दी जाती है वो काला धन का रुप ले लेती है।
काला धन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के नारों से सत्ता में आई भाजपा सरकार ने देश को
समृद्ध बनाने के उद्देश्य से कालाधन विदेशों से वापस लाने में नकाम रही तो देश में
ही कई प्रभावी कदम उठाने की तैयारी आरम्भ कर दी है । और इसी क्रम में पछले 8 नवंबर को हमारे प्रधान मंत्री
नरेन्द्र मोदी ने देश में प्रचलित सभी पुराने 500 और 1000 के नोटों के चलन पे रोक लगाने
की घोषणा कर दी।
08 नवंबर 2016 को संध्या में देशवासियों के नाम अपने संबोधन में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अचानक से चौंकाते हुए घोषणा की कि आज मध्य रात्रि (12.00 बजे) से देश में प्रचलित सभी पुराने 500 व 1000 रू के नोट बैध नहीं माने जाएंगे तथा ये सारे नोट शीघ्र ही वापस लिए जाएंगें और इनके बदले जनता को नए 2000 के नोट उपलब्ध कराए जाएगें और बाद में 500-500 रु.के भी। । प्रधानमंत्री ने जनता से भी कालाधन व भ्रष्टाचार पे रोकथाम के लिए सहयोग की अपेक्षा जताते हुए देश में प्रचलित सभी पुराने 500 व 1000 रू के सभी नोटों को 10 नवंबर से अपने नजदीकी बैंकों में एक खाते में अधिकतम 2,50,000रु. तक जमा करा सकने एवं नए नोटों को 4,000 तक बदलने की प्रक्रिया शुरु कर दी पर बैंको में नये नोट के अपर्याप्त उपलब्धता से देश के सारे लोग लाइन में लग गये।इससे जनता को काफी परेशानी होने लगी इस परेशानी को कम करने के लिए सार्वजनिक जगहो पर पहले 11 तारीख, फिर 14 तारीख,18 तारीख औऱ आज 24 तारीख तक पुराने नोट लेने की घोषना की गई।यह नकाफी साबित हो रहा है ए.टीम.एम से 2,000 के बदले 2,500 रु. प्रति नग औऱ प्रति ब्यक्ति प्रतिदिन निकालने की सुविधा तो दी गई पर ए.टीम.एम में मांग के अनुरुप धन उपलब्ध नहीं कराया गया।कम राशि की वजह से लोग बार बार कतार में खड़े हो रहे है जिससे लंबी लंबी कतारे लग रही है।जिसे लोग दर बदर की ठोकरे खा रहे हैं। इस स्थिति में तीसरे सबसे अहम बात की कोई भी ए.टी.एम.को उपटूडेट नहीं किया गया जिससे और परेशानी बढ़ी।ए.टी.एम में कुल चार ट्रे होते है उपर से नीचे की ओर पहले 100रु. का दूसरा 500 रु. का तीसरा 1000रु. का औऱ चौथा पुनः 500 रु. का एक ट्रे में अधिकतम 2500 नोट आते है इस तरह मात्र 100रु. के नोट ही चलन में रहने के कारण 2,50,000 ही एक बार में डल पाता है।औऱ पहले मात्र 125 लोगो को ही मिल पाता था और सीमा 2000से बढ़ाकर 2500 करने पर मात्र 100 लोगो को ही यहा एक बार लोड करने पर धन मिल पायेगा।केन्द्रीय वित मंत्री अरुण जेटली ने खुद स्वीकार किया है कि ए.टीम.एम को ठीक होने में 15-20 दिन का कमसे कम वक्त लगेगा। प्रधानमंत्री ने हो रही परेशानियें के कारण भावनात्मक अपील की और 50 दिनों का मौका मांगा।अब देखते है की जनता इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है। 500 व 1000 के नोटों पे एकाएक लगाए गए प्रतिबंध से पहले मोदी ने प्रजेक्ट लीक होने की संभावना के तहत कुछ नहीं किया पर लगभग 2-3 माह पहले बाजार में 100 के नोट ए.टीम.एम के माध्यम से आम जनता के बीच पहूँचाया जा सकता थे क्योकिं 2000 को नोट बाजार में छूट्टे की कमी से चलाने में काफी दिक्त हो रही है। अब बाजार में 500 रु. के नोट भी आने लगे पर सिर्फ दिल्ली औऱ भोपाल शहरो के चुनिंदा बैंको में ही उपलब्ध है जिससें काफी परेशानी हो रही है।आम जनता को भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । जैसे कि जेब में पैसे होते हुए भी लोगों को राशन, दुध,सब्जी व घर की जरूरी सामान खरीदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । जेब में पैसे होते हुए भी खुदरा के अभाव में होटलों व रेस्टोंरेंटों में भूख से बेहाल लोगों को खाना नहीं मिल रहा है ।पहले दिन ग्रेटर नोयडा में कई राजनयिको को खाने-पीने में परेशानी हुई तो जिला धिकारी के हस्तक्षेप के बाद उधार दिया गया। व्यवसाय ठप पड़ा है । आमदनी रूक गई है । लोग स्कूल-कॉलेजों की फीस तक नहीं भर पा रहें है ।एक तरह से कहें तो सारा सिस्टम अघोषित एमरजेंसी के हालात से गुजर रहा है । पर फिर भी लोग खुश हैं । इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए अपने प्रधानमंत्री पे गर्व कर रहे हैं हर बार की तरह इस बार भी उनके साथ खड़े हैं ।
हमारे देश को आजाद हुए आज लगभग 69 साल हो गए । पर आज भी देश में आर्थिक असामनता एक बोझ बना हुआ है । आज भी एक तरफ जहां देश में गरीबी और भूखमरी है । तो वहीं दूसरी तरफ असीमित ऐसो-आराम भरी जिंदगी है। कहीं लोग भूख से दम तोड़ रहे हैं तो कहीं लोग पार्टियों में रोज पानी की तरह पैसा बहा रहें हैं । शायद असामनता को कम करने में मदद मिल सके। ऐसे में सरकार द्वारा कालाधन पे लगाम लगाने हेतु लिया गया ये फैसला लोगों में सामाजिक सामानता की आश जगाने लगा है ।
आज देश में हर ओर लोग भ्रष्टाचार से परेशान हैं । भारत के हर सरकारी विभागों में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार व्याप्त है । आम जनता को हर छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए भी भ्रष्टाचार का शिकार बनना पड़ता है । भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अफसर-नेता आज भ्रष्टाचार में कमाये हुए नोटों के कारण हैरान-परेशान हैं । ऐसे में भ्रष्टाचार के कारण अपने मेहनत की गाढ़ी कमाई गंवाने वाली आम जनता में खुशी की लहर दिखना एक आम बात है ।
कालाधन पे लगाम लगाने हेतु भारत सरकार द्वारा लिए गए इस ऐतिहासिक फैसला पर सबसे अधिक प्रभाव धन्ना सेठों व भ्रष्टाचारियों पे ही असर पड़ने वाला है । भारत में अधिकतर लोग टैक्स देने से बचने के तरीके तलासते हैं । ऐसे में वे अपने कमाए पैसों को बैंको में रखने के बजाये घर व अन्य किसी जगह पर छिपाकर रखते हैं और कर देने से बच जाते हैं । पर सरकार द्वारा अचानक 500 व 1000 के नोटों को बंद कर दिये जाने से ऐसे लोग खासा मुश्किल में आ गये हैं । मीडिया में आई रिपोर्टों को माने तो एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधान मंत्री के इस साहसिक कदम से भारत सरकार को आनुमानिक तीन लाख करोड़ रूपये के लाभ होने की उम्मीद है । अर्थात सरकार के इस ऐतिहासिक कदम ने भारत को कुछ कदम आगे ले जाने की दिशा में मदद मिल सकती है । 1000,500 के नोटों के बंद होते ही कालाधन के स्वामियों का अपने तिजोड़ी के दरवाजे को खोलना बेहत जरूरी हो गया है। पर 2000 के चलाने से फिर काला धन बहुत सा लोग इक्ठ्ठा कर लेगें। प्रधानमंत्री के इस एक वार ने देश के गद्दारों को चारों खाने चित्त कर दिया है । देश में भरे हुए नकली पैसों के कारोबारीयों से लेकर आतंकवाद फैलाने वालों तक के जड़ों पे मोदी ने जबरदस्त वार कर दिया है। जिससे ऐसे सारे पैसे आज बेकार और रद्दी बन गए हैं ।मोदी के इस कदम से देश में शासन क्षेत्र मे कुछ ईमानदारी एवं पार्दशिता आने की संभावना प्रबल हुई है।आशा है इस परेशानी से शीघ्र ही निजात देशवासियों को मिल जायेगी।
08 नवंबर 2016 को संध्या में देशवासियों के नाम अपने संबोधन में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अचानक से चौंकाते हुए घोषणा की कि आज मध्य रात्रि (12.00 बजे) से देश में प्रचलित सभी पुराने 500 व 1000 रू के नोट बैध नहीं माने जाएंगे तथा ये सारे नोट शीघ्र ही वापस लिए जाएंगें और इनके बदले जनता को नए 2000 के नोट उपलब्ध कराए जाएगें और बाद में 500-500 रु.के भी। । प्रधानमंत्री ने जनता से भी कालाधन व भ्रष्टाचार पे रोकथाम के लिए सहयोग की अपेक्षा जताते हुए देश में प्रचलित सभी पुराने 500 व 1000 रू के सभी नोटों को 10 नवंबर से अपने नजदीकी बैंकों में एक खाते में अधिकतम 2,50,000रु. तक जमा करा सकने एवं नए नोटों को 4,000 तक बदलने की प्रक्रिया शुरु कर दी पर बैंको में नये नोट के अपर्याप्त उपलब्धता से देश के सारे लोग लाइन में लग गये।इससे जनता को काफी परेशानी होने लगी इस परेशानी को कम करने के लिए सार्वजनिक जगहो पर पहले 11 तारीख, फिर 14 तारीख,18 तारीख औऱ आज 24 तारीख तक पुराने नोट लेने की घोषना की गई।यह नकाफी साबित हो रहा है ए.टीम.एम से 2,000 के बदले 2,500 रु. प्रति नग औऱ प्रति ब्यक्ति प्रतिदिन निकालने की सुविधा तो दी गई पर ए.टीम.एम में मांग के अनुरुप धन उपलब्ध नहीं कराया गया।कम राशि की वजह से लोग बार बार कतार में खड़े हो रहे है जिससे लंबी लंबी कतारे लग रही है।जिसे लोग दर बदर की ठोकरे खा रहे हैं। इस स्थिति में तीसरे सबसे अहम बात की कोई भी ए.टी.एम.को उपटूडेट नहीं किया गया जिससे और परेशानी बढ़ी।ए.टी.एम में कुल चार ट्रे होते है उपर से नीचे की ओर पहले 100रु. का दूसरा 500 रु. का तीसरा 1000रु. का औऱ चौथा पुनः 500 रु. का एक ट्रे में अधिकतम 2500 नोट आते है इस तरह मात्र 100रु. के नोट ही चलन में रहने के कारण 2,50,000 ही एक बार में डल पाता है।औऱ पहले मात्र 125 लोगो को ही मिल पाता था और सीमा 2000से बढ़ाकर 2500 करने पर मात्र 100 लोगो को ही यहा एक बार लोड करने पर धन मिल पायेगा।केन्द्रीय वित मंत्री अरुण जेटली ने खुद स्वीकार किया है कि ए.टीम.एम को ठीक होने में 15-20 दिन का कमसे कम वक्त लगेगा। प्रधानमंत्री ने हो रही परेशानियें के कारण भावनात्मक अपील की और 50 दिनों का मौका मांगा।अब देखते है की जनता इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है। 500 व 1000 के नोटों पे एकाएक लगाए गए प्रतिबंध से पहले मोदी ने प्रजेक्ट लीक होने की संभावना के तहत कुछ नहीं किया पर लगभग 2-3 माह पहले बाजार में 100 के नोट ए.टीम.एम के माध्यम से आम जनता के बीच पहूँचाया जा सकता थे क्योकिं 2000 को नोट बाजार में छूट्टे की कमी से चलाने में काफी दिक्त हो रही है। अब बाजार में 500 रु. के नोट भी आने लगे पर सिर्फ दिल्ली औऱ भोपाल शहरो के चुनिंदा बैंको में ही उपलब्ध है जिससें काफी परेशानी हो रही है।आम जनता को भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । जैसे कि जेब में पैसे होते हुए भी लोगों को राशन, दुध,सब्जी व घर की जरूरी सामान खरीदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । जेब में पैसे होते हुए भी खुदरा के अभाव में होटलों व रेस्टोंरेंटों में भूख से बेहाल लोगों को खाना नहीं मिल रहा है ।पहले दिन ग्रेटर नोयडा में कई राजनयिको को खाने-पीने में परेशानी हुई तो जिला धिकारी के हस्तक्षेप के बाद उधार दिया गया। व्यवसाय ठप पड़ा है । आमदनी रूक गई है । लोग स्कूल-कॉलेजों की फीस तक नहीं भर पा रहें है ।एक तरह से कहें तो सारा सिस्टम अघोषित एमरजेंसी के हालात से गुजर रहा है । पर फिर भी लोग खुश हैं । इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए अपने प्रधानमंत्री पे गर्व कर रहे हैं हर बार की तरह इस बार भी उनके साथ खड़े हैं ।
हमारे देश को आजाद हुए आज लगभग 69 साल हो गए । पर आज भी देश में आर्थिक असामनता एक बोझ बना हुआ है । आज भी एक तरफ जहां देश में गरीबी और भूखमरी है । तो वहीं दूसरी तरफ असीमित ऐसो-आराम भरी जिंदगी है। कहीं लोग भूख से दम तोड़ रहे हैं तो कहीं लोग पार्टियों में रोज पानी की तरह पैसा बहा रहें हैं । शायद असामनता को कम करने में मदद मिल सके। ऐसे में सरकार द्वारा कालाधन पे लगाम लगाने हेतु लिया गया ये फैसला लोगों में सामाजिक सामानता की आश जगाने लगा है ।
आज देश में हर ओर लोग भ्रष्टाचार से परेशान हैं । भारत के हर सरकारी विभागों में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार व्याप्त है । आम जनता को हर छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए भी भ्रष्टाचार का शिकार बनना पड़ता है । भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अफसर-नेता आज भ्रष्टाचार में कमाये हुए नोटों के कारण हैरान-परेशान हैं । ऐसे में भ्रष्टाचार के कारण अपने मेहनत की गाढ़ी कमाई गंवाने वाली आम जनता में खुशी की लहर दिखना एक आम बात है ।
कालाधन पे लगाम लगाने हेतु भारत सरकार द्वारा लिए गए इस ऐतिहासिक फैसला पर सबसे अधिक प्रभाव धन्ना सेठों व भ्रष्टाचारियों पे ही असर पड़ने वाला है । भारत में अधिकतर लोग टैक्स देने से बचने के तरीके तलासते हैं । ऐसे में वे अपने कमाए पैसों को बैंको में रखने के बजाये घर व अन्य किसी जगह पर छिपाकर रखते हैं और कर देने से बच जाते हैं । पर सरकार द्वारा अचानक 500 व 1000 के नोटों को बंद कर दिये जाने से ऐसे लोग खासा मुश्किल में आ गये हैं । मीडिया में आई रिपोर्टों को माने तो एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधान मंत्री के इस साहसिक कदम से भारत सरकार को आनुमानिक तीन लाख करोड़ रूपये के लाभ होने की उम्मीद है । अर्थात सरकार के इस ऐतिहासिक कदम ने भारत को कुछ कदम आगे ले जाने की दिशा में मदद मिल सकती है । 1000,500 के नोटों के बंद होते ही कालाधन के स्वामियों का अपने तिजोड़ी के दरवाजे को खोलना बेहत जरूरी हो गया है। पर 2000 के चलाने से फिर काला धन बहुत सा लोग इक्ठ्ठा कर लेगें। प्रधानमंत्री के इस एक वार ने देश के गद्दारों को चारों खाने चित्त कर दिया है । देश में भरे हुए नकली पैसों के कारोबारीयों से लेकर आतंकवाद फैलाने वालों तक के जड़ों पे मोदी ने जबरदस्त वार कर दिया है। जिससे ऐसे सारे पैसे आज बेकार और रद्दी बन गए हैं ।मोदी के इस कदम से देश में शासन क्षेत्र मे कुछ ईमानदारी एवं पार्दशिता आने की संभावना प्रबल हुई है।आशा है इस परेशानी से शीघ्र ही निजात देशवासियों को मिल जायेगी।
सचिव-लाल कला मंच,नई दिल्लीEmail-lalkalamunch@rediffmail.com